24 वर्षीय रोहन ग्रैजुएशन के अंतिम वर्ष का छात्र है. उस के पिता का टूर ऐंड ट्रैवल का बिजनैस है, लेकिन पिछले 2 साल से यह धंधा मंदा चल रहा था. रोहन को जब यह पता चला तो उस ने आगे बढ़ कर बिजनैस को गति देने की सोची. उस ने कंपनी की वैबसाइट बना कर जगहजगह उस का लिंक भेजना शुरू किया. धीरेधीरे बुकिंग शुरू हो गई. आज आलम यह है कि रोहन की कंपनी के पास कस्टमर की डिमांड के मुताबिक गाडि़यां ही नहीं हैं.
रोहन जैसे न जाने कितने किशोर हैं जिन्होंने आगे बढ़ कर अपने एफर्ट से पिता के बिजनैस का मेकओवर किया है और घाटे में चल रहे बिजनैस को मुनाफे का सौदा बना दिया. दरअसल, समय के साथ परंपरागत तरीके से बिजनैस के बजाय नए जमाने के हिसाब से चलने में मुनाफा है. नोटबंदी के बाद से तो बिजनैस का पूरा परिदृश्य ही बदल गया है. कल तक जहां कैश से सारा काम हो सकता था आज औनलाइन पेमैंट और डिजिटल मार्केटिंग का चलन जोरों पर है. ऐसे में यदि किशोर पिता के कारोबार को ऊंचाई देने की सोच रहे हैं तो इस से जुड़ी तमाम बातों की जानकारी हासिल कर लें. प्रस्तुत हैं कुछ बिंदु जो इस राह में आप की मदद कर सकते हैं :
पेरैंट्स को भरोसे में लें
व्यवसाय या परिवार के हित में आप जो भी करना चाहते हैं, सब से पहले आप को अपने पेरैंट्स को भरोसे में लेना होगा. आप उन्हें विस्तार से समझाइए कि किस तरह से उन की कोशिश सफल होगी. इस के लिए आप के पास सौलिड आइडियाज होने के साथसाथ उस के कुछ कागजी सुझाव भी होने चाहिए.
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