कहानी-1
एक प्यारी खूबसूरत लड़की को एक सुंदर नौजवान से प्यार हो गया, पर जैसा कि होता है कि परिवार ने जाति-वर्ग की दीवार खड़ी करने की खूब कोशिश की. लेकिन लड़की ने हार नहीं मानी. लड़का भी जिंदगी में कुछ हासिल करने का जुनून लेकर उच्च शिक्षा के लिए बाहर चला गया. दोनों के बीच खतों का सिलसिला चलता रहा. दोनों की एक-दूसरे के प्रति बेपनाह मोहब्बत देखकर आखिरकार लड़की के परिवारवाले भी मान ही गए और लड़की लड़के का इंतजार करने लगी. पर सब्र का इम्तहान किस्मत को भी लेना था और एक दिन उसकी आंखों की रोशनी चली गई. उधर लड़के की पढ़ाई पूरी हुई और वापस आ गया पर लड़की ने अब रिश्ता रखने से मना कर दिया. लड़के ने खूब जोर लगाया और फिर हारकर अपनी शादी तय कर ही ली. शादी का कार्ड लड़की को भी मिला जिसे पाकर वो बेइंतहा रोई. क्योंकि दुल्हन के नाम की जगह उसका नाम लिखा हुआ था.
कहानी-2
एक और प्यारी खूबसूरत लेकिन नेत्रहीन लड़की से एक नौजवान को प्यार हो जाता है. दोनों घंटों हाथों में हाथ डाले नदी किनारे टहला करते. इस नौजवान की बस एक ही ख्वाहिश थी कि जैसे भी हो मेरी प्रिया की आंखों की रौशनी आ जाए. कहां-कहां के डाक्टर्स देख डाले इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए. आखिरकार एक दिन डोनर मिल ही गया और लड़की की आंखों की रोशनी वापस आ गई पर जैसे ही आंख खोलते उसने अपने सामने एक कुरूप नौजवान को देखा, उसने मुंह मोड़ लिया. नौजवान चुप रहा बस डाक्टर से इतना बोला कि “इसको ये कभी मत बताना कि ये आंखें मेरी हैं.”
बीते वैलेंनटाइन डे की सरमाइयां अभी भी हवाओं में हैं. फिजाएं रूमानी हो रही हैं. हाथों में गुलाब, गिफ्ट्स लिए लड़के-लड़कियां नज़र आ रहे थे पर आज प्यार का सही मायने में मतलब कितनों को पता है. एक बार एक मित्र अपना अनुभव बता रही थी कि उसके बेटे को किसी से प्यार हो गया. मां ने लाख दुहाई दी कि पहले कैरियर बना लो, बाकि के कामों के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है पर बच्चों ने न सुननी होती है और न सुनी. आखिरकार उसने मन को कड़ा किया और बोला कि “चल लड़की से मिलवा”. बेटा बोला-“कौन-सी…हमारा तो ब्रेकअप हो गया है और अब तो मैं किसी और को डेट कर रहा हूं”. उसने माथा पीट लिया पर एक फायदा हुआ कि उसे अब इन रिश्तों से घबराहट नहीं होती. ऊपर की कहानियां सुनाने का यही मतलब था कि आजकल का प्यार दोनों में से कौन-सा है. एक- दूसरे पर कुरबान हो जाना या कुरबानी लेना.
शायद आजकल का प्यार एक कमोडिटी हो गया है. लड़की के लिए लड़का स्मार्ट, हैंडसम, गाड़ी और बैंक बैलेंसवाला होना चाहिए तो लड़के को ऐसी लड़की चाहिए जो उसके स्टेटस को सोसाइटी में अपनी सुंदरता और इंस्टाग्राम से तय कर सके ताकि वो गर्व से कह सके कि जिसके इतने फालोअर्स हैं, वो मुझे फालो करती है.
ऐसे ही एक आइडियल कपल से मैंने पूछा कि “मिले कहां थे?”
“आंटी इंस्टा पर…” .”
“पर इंस्टा से एक -दूसरे के बारे में कहां पता चलता है?”
”अरे, तभी तो मैं उसे डेट कर रही हूं”.
“ओके और अगर लगा कि फेक है और तुम-सा नहीं है तो क्या करोगी?”
“छोड़ दूंगी, मैंने कौन-सा शादी करनी है….शादी का फैसला तो मम्मी-डैडी पर छोड़ा है.”
आगे और क्या बात हुई लिखना बेमानी है पर आजकल की पीढ़ी का एक खाका सामने आ गया.
कामदेव को वसंत में प्रेम बाण छोड़ने को कहा था. ये प्रेम बाण चाहे तो बड़े से बड़े मकसद को पूरा करने का निमित्त बन सकता है. इसमें एक ऐसी ताकत होती है जो प्रिय की खुशी के लिए कुछ भी करा सकती है. दशरथ मांझी ने पहाड़ काटकर अपनी पत्नी के लिए सड़क बना दी ताकि उसकी तकलीफ कम हो. ये प्यार ही तो था. अर्ल खाना बनाते समय अकसर अपना हाथ काट लेती थी और डिक्सन फटाफट से बहते खून को रोकने के लिए पट्टी तैयार रखता था. रोज ही ऐसा होता था और ऐसे जन्म हुआ बैंडेज का. ये प्यार ही तो था.
प्यार में सच में एक ताकत होती है, कभी-कभी पूरी दुनिया को आप पर यकीन नहीं होता पर कोई हो जो आप का मन रखने के लिए ही सही, कह दे ,”हां तुम ठीक कह रहे हो, ऐसा हो सकता है“ तो मन का हौंसला किसी भी आसमान को नाप सकता है. मजे की बात है कि ऐसा प्यार जिंदगी में एक बार आता जरूर है, लेकिन हममें से कितने समझ पाते हैं ये कहना वाकई मुश्किल है, क्योंकि शेर आया….शेर आया…कहानी यहां भी चलती है.
प्यार एक-दूसरे के साथ समय बिताकर, एक-दूसरे को जानने का नाम है और हो सकता है कि जानने की ये मुहिम आपको कपल न भी बनाए पर अच्छे दोस्त बना सकती है. शायद बायफ्रेंड-गर्लफ्रेंड आसानी से मिल जाएं पर बेस्ट फ्रेंड्स मिलना थोड़ा मुश्किल है. हो सकता है कि एक-दूसरे को जानने के दौरान कई गलतफहमियां भी पैदा हों, ईगो की दीवारें बड़ी से बड़ी होती जाएं, समय के अंतराल आ जाएं लेकिन इसके बावजूद भी कोई साथ रहना चाहे तो कहा जा सकता है कि लव क्यूपिड आपके पीछे पड़ा है. असल जिंदगी न तो जवानी-दीवानी के रणबीर की तरह है और न ही बेफिक्रे के रणवीर की ही, पर हां हर कोई अपनी कहानी का हीरो ज़रूर होता है और स्टोरी राईटर भी.
– विम्मी करण सूद