आज हरीश बहुत अच्छे मूड में था. सोच रहा था कि आज नेहा को मूवी दिखाने ले जाएगा. बहुत दिन हो गए मूवी देखे. मूवी देखने के बाद डिनर कर के ही लौटेंगे. लेकिन जब उस ने नेहा को फोन कर यह सब बताया तो सुन कर नेहा के मुंह से निकला कि कमाल है, आज आप को मेरे लिए टाइम मिल गया? वैसे जब कभी मैं बोलती हूं तो आप के पास टाइम नहीं होता है मेरे लिए. नेहा की बात सुन कर हरीश का अच्छाखासा मूड खराब हो गया.

नेहा जैसी बहुत सी पत्नियां ऐसी होती हैं, जो पति अगर उन्हें समय न दे तो ताने देती हैं और समय मिल जाए तो भी अपनी जलीकटी बातों से उसे खराब करने से बाज नहीं आती हैं. सच तो यह है कि जब आप किसी से प्यार करते हैं तो यह माने नहीं रखता है कि आप ने अपने साथी के साथ कितना समय बिताया. उस समय तो यही माने रखता है कि आप दोनों ने जो भी समय बिताया वह कितना अच्छा बीता. अगर आप ने अपने समय को एकदूसरे से उलझने में ही बिता दिया तो फिर यह मान कर चलिए कि अगर आप का ऐटिट्यूड यही रहेगा तो आप दोनों कभी खुश नहीं रह पाएंगे, क्योंकि खुश रहने की पहली शर्त यही है कि आप अपने साथी की भावनाओं का ध्यान रखें. कोई ऐसा काम न करें, जिस से साथी हर्ट हो. खुशहाल जीवन के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप दोनों एकदूसरे की भावनाओं की कद्र करें और एकदूसरे की पसंदनापसंद का ध्यान रखें. यह सिर्फ पत्नी की ही जिम्मेदारी नहीं है, पति के लिए भी यह बात उतनी ही माने रखती है जितनी पत्नी के लिए. वैसे भी कहा जाता है कि पतिपत्नी का संबंध बेहद संवेदनशील होता है. दोनों को एक गाड़ी के 2 पहियों की तरह माना गया है. जिस तरह अगर 1 पहिए में हवा कम हो जाए या वह पंक्चर हो जाए तो गाड़ी का संतुलन बिगड़ जाता है, ठीक उसी तरह पतिपत्नी में से अगर एक भी अपने साथी की भावनाओं का ध्यान नहीं रख पा रहा है, तो फिर इस प्यार भरे संबंध में दरार आते देर नहीं लगती है.

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