पतिपत्नी के बीच मतभेद होना बहुत ही स्वाभाविक सी बात है, क्योंकि दोनों अलगअलग सोच, धारणाओं और परिवारों के होते हैं. एक में धैर्य है तो दूसरे को बहुत जल्दी क्रोध आ जाता है और एक मिलनसार है तो दूसरा रिजर्व रहता है. ऐसे में लोहे और पानी की तरह उन के मतभेदों का औक्सीडाइज्ड होना बहुत आम बात है. लोहे और पानी के मिलने का अर्थ ही है जंग लगना. नतीजा रिश्ते में बहुत जल्दी कड़वाहट का जंग लग जाता है.

ऐसा न हो इस के लिए जानिए कुछ उपाय:

हो सोने जैसा ठोस

अगर हम अपने रिश्ते को सोने जैसा बना लें और सोने की खूबियों को अपने जीवन में ढाल लें, तो मतभेद रूपी जंग कभी भी वैवाहिक जीवन में लगने ही न पाए. सोने की सब से बड़ी खूबी यह होती है कि वह ठोस होता है, इसलिए उस में कभी जंग नहीं लगता और न ही उस के टूटने का खतरा रहता है. अपने वैवाहिक रिश्ते को भी आपसी समझ, प्यार और विश्वास की नींव पर खड़ा करते हुए इतना ठोस बना लें कि वह भी सोने की तरह मजबूत हो जाए.

आपसी विश्वास, सम्मान और साथी के साथ संवाद स्थापित कर आसानी से रिश्ते में आए खोखलेपन को दूर किया जा सकता है. सोना न तो अंदर से खोखला होता है न ही इतना कमजोर कि उसे हाथ में लो तो वह टूट जाए या उस में दरार आ जाए. आप का साथी, जो कह रहा है उसे मन लगा कर सुनें और यह जताएं कि आप को उस की परवाह है. बेशक आप को उस की बात ठीक न लगती हो, पर उस समय उस की बात काटे बिना सुन लें और बाद में अपनी तरह से उस से बात कर लें. ऐसा होने से मतभेद होने से बच जाएंगे और आप के रिश्ते की नींव भी खोखली नहीं होगी. सोने जैसी ठोस जब नींव होगी, तो जीवन में आने वाले किसी भी तूफान के सामने न तो आप का रिश्ता हिलेगा न टूटेगा. सच तो यह है कि आप का रिश्ता सोने की तरह हर दिन मजबूत होता जाएगा.

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हो प्यार की चमक

सोने का ठोस होना ही नहीं, उस की चमक भी सब को अपनी ओर आकर्षित करती है. पास से ही नहीं दूर से भी देखने पर सोने की चमक वैसी ही लगती है और उसे पाने की चाह महिला हो या पुरुष दोनों में बराबर रूप से बलवती हो उठती है. वैवाहिक रिश्ते में केवल शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि वैचारिक व संवेदनशील रूप से भी यह चमक बरकरार रहनी चाहिए. सोने जैसा चमकीलापन पाने के लिए पतिपत्नी में प्यार और समर्पण की भावना समान रूप से होनी चाहिए. सोने की चमक पानी है तो वह सिर्फ प्यार से ही पाई जा सकती है और केवल प्यार होना ही काफी नहीं है, उसे जताने में भी पीछे न रहें. वैसे ही जैसे सोने का आभूषण जब आप पहनती हैं तो उसे बारबार दिखाने का प्रयास करती हैं और लोगों को उस के बारे में बढ़चढ़ कर बताती हैं. तो फिर आप अपने साथी को प्यार करती हैं, तो उसे बढ़चढ़ कर कहने में हिचकिचाहट क्यों? तभी तो चमकेगा आप का रिश्ता सोने की तरह.

जैसा चाहो ढाल लो

सोना महिलाओं की खूबसूरती में अगर चार चांद लगाता है, तो उस की दूसरी सब से बड़ी खासीयत है उस का पिघल कर किसी भी रूप में ढल जाना. ठोस होने के बावजूद सोना पिघल जाता है और फिर हम जैसा चाहते हैं वैसा उसे आकार देते हैं. अगर आप विवाह के बाद सोने की ही तरह स्वयं को पति के परिवार वालों या पति के अनुरूप ढाल लेती हैं, तो रिश्ता सदा सदाबहार रहता है और उस में जंग लगता ही नहीं. अपने को ढाल लेने का मतलब अपनी खुशियों या इच्छाओं की कुरबानी देना या अपना अस्तित्व खो देना नहीं होता, बल्कि इस का मतलब तो दूसरों की खुशियों और इच्छाओं का मान करना होता है. एक पहल अगर आप करती हैं तो यकीन मानिए दूसरे भी पीछे नहीं रहते. विवाह होने के बाद आप केवल पत्नी ही नहीं बनती हैं, वरन आप को बहुत सारे रिश्तों में अपने को ढालना होता है. अहंकार और इस भावना से खुद को दूर रखते हुए कि साथी की बात मानना झुकना होता है, उस के अनुरूप एक बार ढल जाएं. फिर देखें वह कैसे आप के आगे बिछ जाता है.

उपहार दें

सोना एक ऐसी चीज है जिसे उपहार में मिलना हर कोई पसंद करता है. उस के सामने अन्य चीजें फीकी पड़ जाती हैं. आज जब हम सोने की कीमत पर नजर डालते हैं तो पता चलता है कि वह निरंतर महंगा होता जा रहा है. फिर भी न तो विभिन्न मौकों पर सोना खरीदने वालों में कमी आई है और न ही उसे गिफ्ट में देना बंद हुआ है. वजह साफ है कि सोना शानोशौकत का प्रतीक है और व्यक्ति की हैसियत, उस के रहनसहन को समाज में उजागर करता है. आप जितना सोना पहन कर कहीं जाती हैं, उस से आप की हैसियत का भी अंदाजा लगाया जाता है.

सोने की ही तरह अपने रिश्ते में भी एक शानोशौकत को बरकरार रखें. अपने वैवाहिक जीवन की छोटीछोटी बातों का आनंद लें और साथी को गिफ्ट देना न भूलें. अपने घर की सज्जा और अपनी जीवनशैली पर ध्यान दें और पूरी मेहनत करें ताकि सोने की तरह आप के जीवन में भी शानोशौकत बनी रहे.

प्रशंसा करें

सोने के गहने हों या उस से बनी कोई नक्काशी या उस से किया कपड़ों पर काम, आप प्रशंसा किए बिना नहीं रह पाती हैं. ठीक वैसे ही आप साथी की भी प्रशंसा करने में कोताही न बरतें. इस से उसे महसूस होगा कि आप उस से प्यार करती हैं, उस को पसंद करती हैं. प्रशंसा करने के लिए बड़ीबड़ी बातों का इंतजार न करें. उस की छोटीछोटी बातों की भी तुरंत प्रशंसा कर दें. इस से उस के चेहरे पर खुशी आ जाएगी. इसी तरह अगर पति अपनी पत्नी की झूलती लटों की प्रशंसा कर दे, तो वह खुश हो अपना सारा प्यार उस पर लुटा देगी.

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सुरक्षा है सदा के लिए

महंगा होने पर भी लोग सोना इसलिए खरीदते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि मुसीबत के समय यही काम आएगा. सोना जहां सौंदर्य का प्रतीक है, वहीं वह यह मानसिक संतुष्टि भी प्रदान करता है कि कभी जीवन में कठिनाइयों ने घेरा तो उसे बेच कर काम चला लेंगे. सोना एक सुरक्षा का एहसास देता है, इसलिए उस के पास होने से हम निश्चिंत रहते हैं. सोने जैसा स्थायित्व, मानसिक संतुष्टि और राहत का एहसास वैवाहिक जीवन में भी पाया जा सकता है. युगल को केवल आर्थिक ही नहीं, हर पहलू से यह आश्वासन चाहिए होता है कि मुसीबत के समय उस का साथी उस का साथ देगा. उसे वह मझधार में नहीं छोड़ेगा. अपने साथी को सुरक्षित होने का एहसास कराना आवश्यक है. उस के सुखदुख में साथ दे कर, उस की परेशानियों को समझ कर आप ऐसा कर सकते हैं. अगर जीवन में मानसिक संतुष्टि हो और एक स्थायित्व की भावना तो वह बहुत सुगमता और मधुरता से आगे बढ़ सकता है, वह भी तमाम हिचकोलों के बीच.

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