आजकल आमतौर पर घरों में कभी नौकरी को ले कर तो कभी पारिवारिक समस्याओं को ले कर कलहकलेश होता ही है. महानगरों में अकसर महिलाएं एवं पुरुष दोनों ही कामकाजी होते हैं. ऐसे में गृहस्थी की गाड़ी चलाना आसान नहीं बड़ा ही मुश्किल होता जा रहा है. आर्थिक स्थिति सुधरती है तो पारिवारिक समस्याएं आने लगती हैं. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं तो भी गृहस्थी के खर्चों को ले कर समस्याएं हैं.
कभीकभार पतिपत्नी एकदूसरे से तंग आ कर तलाक लेने की स्थिति तक पहुंच जाते हैं. सिर्फ तलाक ही नहीं यदि पतिपत्नी एकदूसरे से ईमानदारी न रखें और ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में पड़ जाएं तो घर में युवा बच्चों के मन पर बहुत नकारात्मक असर पड़ता है. लेकिन समस्या है कि ऐसे में आखिर बच्चे जाएं कहां? क्या करें या क्या न करें?
रिश्तेदारों के कारण तलाक देने के धमकी
बैंगलुरु में रहने वाले निखिल एक सौफ्टवेयर प्रोफैशनल हैं. उन की अपनी पत्नी से घर में अकसर तूतू, मैंमैं होती रहती है. पहले तो वे पूरा दिन औफिस रहते तो यह तकरार ज्यादा नजर नहीं आती थी. किंतु जब से कोरोना फैला और वर्क फ्रौम होम हुआ यह खिचखिच बढ़ गई. समस्या यह है कि जवान बेटा जो कालेज में पढ़ता है और होस्टल में रहता है वह अब घर से औनलाइन क्लासेज कर रहा है. बेटी भी कक्षा 8 में पड़ती है, जो सारा दिन घर में रहती है.
अब यह झगड़ा अकसर बच्चों के सामने होता है. इस में खास बात यह है कि झगड़े के मुद्दे कोई बड़े खास नहीं होते हैं. छोटेछोटे काम को ले कर बहस, स्वयं को अपने पार्टनर से सुपीरियर दिखाने की होड़ और पहले दूसरा चुप हो इसलिए उसे नीचा दिखाया जाता है.