Destination Wedding : जैसेजैसे हम शिक्षित हो रहे हैं, वैसेवैसे पुरानी प्रथाओं से किनारा करते जा रहे हैं। बाकी चीजों की तरह अब लोगों का शौर्टकट वाली शादी में ज्यादा दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। बढ़ती महंगाई और रुढ़िवादी प्रथाओं के चलते कई सारे लोगों को रीतिरिवाजों वाली शादी ढकोसलेबाजी लगती है. कई लोगों का मानना है कि शादी में बारातियों पर खर्च करने के बजाय चुपचाप कोर्ट मैरिज कर लो और सारा खर्चा अपनेआप पर और हनीमून पर करो, क्योंकि ऐसे लोगों को ऐंटरटेन करने से क्या फायदा जो शादी में आ कर खातेपीते हैं और पीछे से बुराई करते हैं.
लेकिन आज के मौडर्न युग में एक ऐसे तबके के भी लोग हैं जिन का मानना है कि शादी जिंदगी में एक ही बार होती है, तो वह यादगार और धूमधाम से होनी चाहिए. ऐसे सुविचारों को फौलो करने वाले कई लोग शादी के दौरान होने वाली रस्में जैसे हलदी, मेहंदी, दुलहन की डोली, दूल्हे की घुड़सवारी, प्री वैडिंग फोटोशूट आदि सभी का मजा लेना चाहते हैं. शादी के दौरान हुई ये सारी रस्में सिर्फ दूल्हादुलहन का ही नहीं, बल्कि शादी में आए बरातियों का भी दिल खुश कर देती हैं. लिहाजा, शादी के इस माहौल का मजा लेने के लिए डैस्टिनेशन वैडिंग की प्रथा शुरू हुई.
हालांकि एक समय में डैस्टिनेशन वैडिंग अमीरों के दिखावे का चोंचला माना जाता था क्योंकि डैस्टिनेशन वैडिंग के जरीए अमीर लोगों को शोबाजी करने का पूरा मौका मिलता है.
लेकिन अब यही डैस्टिनेशन वैडिंग आम लोगों के बीच भी प्रसिद्ध हो रही है क्योंकि डैस्टिनेशन वैडिंग के और भी कई सारे फायदे हैं। यह बजट में रह कर भी की जा सकती है और शादी की रस्मों का पूरा मजा लिया जा सकता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आज की व्यस्त जिंदगी में जहां लोगों के पास समय की भारी कमी है, डैस्टिनेशन वेडिंग को क्यों पसंद करते हैं?
डैस्टिनेशन वैडिंग में ऐसी क्या खास बात है जो आज के समय में लोग अपनी शादी डैस्टिनेशन वैडिंग के जरीए कर के यादगार बनाना चाहते हैं :
डैस्टिनेशन वैडिंग के फायदे
डैस्टिनेशन वैडिंग का सब से बड़ा फायदा तो यही है कि शादी वाले दोनों परिवार के लोगों को मेहनतमशक्कत करने से छुटकारा मिल जाता है और शादी से जुड़े लोगों को शादी का पूरा मजा लूटने का मौका मिलता है क्योंकि डैस्टिनेशन वैडिंग में दूल्हा और दुलहन के परिवारजन और यारदोस्त अगर 2-3 दिनों के लिए जमा हो जाते हैं तो उन्हें नौर्मल शादी की तरह छोटीछोटी चीजों के लिए ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी पड़ती क्योंकि ऐसी शादियों में वैडिंग प्लानर ज्यादातर हर चीज का बंदोबस्त कर के रखते हैं या जिस होटल में शादी होती है उस होटल का स्टाफ पूरा अरेजमैंट करने की जिम्मेदारी लेता है. बारातियों को सिर्फ तैयार हो कर पहुंचना होता है और घरातीबारातियों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार रहते हैं.
नुकसान
इस के नुकसान यह हैं कि कई बार करीबी लोग शादी में शामिल नहीं हो पाते क्योंकि वे 2-3 दिनों का टाइम ले कर डैस्टिनेशन वैडिंग में शामिल होने में असमर्थ होते हैं. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो खराब स्वास्थ्य के चलते यात्रा कर के डैस्टिनेशन वैडिंग का हिस्सा बनने में असमर्थ होते हैं. इसलिए ऐसे लोग चाह कर भी ऐसी मजेदार वैडिंग में उपस्थित होने से वंचित रह जाते हैं.
बजट और समय के हिसाब से चुनाव करें डैस्टिनेशन वैडिंग का वैन्यू
डैस्टिनेशन वैडिंग अब सिर्फ अमीरों के लिए नहीं बल्कि आम लोगों के लिए भी मौजमस्ती का एक जरीया बन गई है जो हरकोई अपने बजट में करने की कोशिश करता है, क्योंकि इस शादी में दोनों ही तरफ के लोगों का मकसद ऐंजौय करना और यादगार शादी करना होता है. लिहाजा, इस तरह की डैस्टिनेशन वैडिंग की प्लानिंग करते समय बजट और समय का चुनाव सब से ज्यादा अहमियत रखता है क्योंकि शादी में देशविदेश हर जगह से लोग आते हैं इसलिए एक कौमन जगह रखें, जहां हरकोई आसानी से पहुंच सकें. जैसे दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद आदि। फिर चाहे वह हिल स्टेशन का वैन्यू हो या समुद्र किनारे की जगह, बस ऐसी जगह हो जहां हर सुविधा उपलब्ध होने की तैयारी हो. पैसा बचाने के चक्कर में एकदम जंगल या ऐसे स्थान पर शादी न रखें जहां मोबाइल नेटवर्क से ले कर शादी में उपयोग में आने वाली चीजें खरीदने के लिए ही दिक्कत हो जाए.
डैस्टिनेशन वैडिंग टूटेबिखरे रिश्तों को समेटने का आसान जरीया
रिश्तेदार हों या दोस्त वे जब नजरों से जितना दूर हो जाते हैं उतना ही दिल से भी दूर होते जाते हैं. हमारे कई रिश्तेदार दोस्त जो काम और शादी के चलते दूसरे शहरों में या विदेश में जा बसते हैं जिन से हम एक समय में घंटों बात किया करते थे वही रिश्तेदारदोस्त जब कोसों दूर हो जाते हैं तो उन से बातचीत भी कम हो जाती है. सिर्फ फौर्मल बातें ही होती हैं.
यही सारे दूर वाले रिश्ते जब डैस्टिनेशन वैडिंग में एकसाथ जमा होते हैं तो पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं. एक बार फिर पुराना रिश्ता मजबूत हो जाता है. कई बार किन्हीं कारणों से करीबी रिश्तेदारों के साथ मनमुटाव हो जाता है तो ऐसे रिश्तेदारों का भव्य सम्मान आदरसत्कार उन रूठे हुए रिश्तों को फिर से करीब ले आता है.
कहने का मतलब यह है कि डैस्टिनेशन वैडिंग में सिर्फ मौजमस्ती ही नहीं होती, बल्कि टूटेबिखरे रिश्तों को समेटने की एक राह भी होती है. शायद यही वजह है कि डैस्टिनेशन वैडिंग की प्रथा आधुनिक होने के बावजूद हर तरह के लोगों में फलफूल रही है। ऐसी शादी के जरीए मजा तो दोगुना हो ही जाता है. साथ ही जो पुरानी प्रथाएं मेहंदी, हलदी, दूल्हे की घुड़सवारी, दुलहन की डोली आदि परंपराओं को नए तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है.