Destination Wedding : बचपन से ही शादी विवाह हमारे जीवन का हिस्सा रहा है तभी तो बचपन में भी हम गुड्डेगुड़िया का खेल खेलते हुए उनकी शादी विवाह रचाया करते थे. हालांकि 21 वीं सदी में गुड्डे गुड़िया से खेलने या उनकी शादी की प्रथा, अब पुरानी चीज हो गई है क्योंकि जैसेजैसे हम शिक्षित हो रहे हैं वैसेवैसे पुरानी प्रथाओं से किनारा करते जा रहे हैं, बाकी चीजों की तरह अब लोगों का शौर्टकट वाली शादी में ज्यादा दिलचस्पी बढ़ती जा रही है, बढ़ती महंगाई और रूढ़िवादी प्रथाओं के चलते कई सारे लोगों को रीति रिवाज वाली शादी ढकोसले बाजी लगती है. कई लोगों का मानना है शादी में बारातियों पर खर्च करने के बजाय चुपचाप कोर्ट मैरिज कर लो और सारा खर्चा अपने आप पर और हनीमून पर करो, क्योंकि ऐसे लोगों को एंटरटेन करने से क्या फायदा जो शादी में आकर खाते पीते हैं और पीछे से बुराई करते हैं.
लेकिन आज के मौडर्न युग में एक ऐसे तपके के भी लोग हैं जिनका मानना है शादी जिंदगी में एक ही बार होती है, तो वह यादगार और धूमधाम से होनी चाहिए. ऐसे सुविचारों को फौलो करने वाले कई लोग शादी के दौरान होने वाली रस्में जैसे हल्दी ,मेहंदी, दुल्हन की डोली, दूल्हे की घुड़सवारी, प्री वेडिंग फोटोशूट, सभी का मजा लेना चाहते हैं. शादी के दौरान हुई यह सारी रस्में सिर्फ दूल्हादुल्हन का ही नहीं बल्कि शादी में आए बरातियों का भी दिल खुश कर देती हैं. लिहाजा शादी के इस माहौल का मजा लेने के लिए डेस्टिनेशन वेडिंग की प्रथा शुरू हुई. हालांकि एक समय में डेस्टिनेशन वेडिंग अमीरों के दिखावे का चोचला माना जाता था, क्योंकि डेस्टिनेशन वेडिंग के जरिए अमीर लोगों को शो बाजी करने का पूरा मौका मिलता है.
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