‘मां’ कितना प्यारा शब्द है न. इस छोटे से शब्द में मेरी पूरी दुनिया समाई हुई है.आज न जाने क्यूँ मुझे अपना पूरा बचपन जीने का मन कर रहा है.आज न जाने क्यूँ तेरी गोद में सिर रखकर रोने को मन कर रहा है .आज न जाने क्यूँ तेरे आँचल में छिप जाने को मन कर रहा है.

मां काश मै महसूस कर पाती  तुम्हारी वो ख़ुशी जब तुमने मुझे अपने अन्दर पहली बार महसूस किया था. मां काश मैं देख पाती  तुम्हारे चेहरे की वो ख़ुशी जब तुमने मुझे पहली बार अपनी गोद में लिया था.

कितनी नींद खराब की है न मैंने तुम्हारी. वह रात-रात भर तुम्हारा जगना और मुझे अपनी गोद में लेकर लोरी सुनाना और फिर  सुबह-सुबह उठना, जैसे तुम्हारा सारा वक्त बस मेरा ही होकर रह गया था.

मां तुमने मेरा हाथ पकड़ के कदम से कदम मिलाकर चलना सिखाया और मुझे लगा था कि मैं अपने आप ही चलने लगी  हूं.

ये भी पढ़ें- Mother’s Day 2020: तुम्हें सब है पता मेरी मां

मुझे क्या चाहिए हमेशा मुझसे पहले तुम्हें पता चल जाता था. तुम कैसे मेरी मन की बात को बिना कहे जान जाती  थी ? चोट तो मुझे लगती थी पर दर्द तुमको मुझसे ज्यादा होता था.

इंजेक्शन तो मुझे लगता  था पर आंसू तुम्हारे आँखों से निकलते थे. खुद मेरा स्कूल में एडमिशन करवाया तुमने पर पहले ही दिन मुझको खुद से दूर भेजने के ख्याल से तुम रो पड़ी थी और फिर मैंने तुम्हे कितना समझाया था की ‘तुम रो मत मां मै जल्दी आ जाउंगी ‘.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...