सवाल
मेरी उम्र 15 वर्ष है. मेरे एक चाचा मेरे हमउम्र हैं. मैं जब भी उस के घर जाती हूं, तो हम लोग एक ही जगह सोते हैं. रात को वह मेरे नजदीक आ जाता है और अश्लील हरकतें करता है. मैं यह बात पसंद नहीं करती, पर उसे मना भी नहीं कर पाती. बताएं, क्या करूं?
जवाब
आप जानती हैं कि आप का चाचा आप के साथ जो व्यवहार रात को चोरीछिपे करता है, वह सही नहीं है, बावजूद इस के आप इस का विरोध नहीं कर रहीं, जिस का मतलब है कि आप को यह सब अच्छा लगता है (अर्थात आप की इस में सहमति है). यदि यह सिलसिला बंद नहीं हुआ तो आप किसी समस्या में पड़ सकती हैं.
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यौन उत्पीड़न के शिकार मासूम बच्चे
महंगाई, मुद्रास्फिति और सुख-सुविधा से भरपूर जीवनशैली के लिए आजकल पति-पत्नी दोनों को नौकरी करना पड़ता है. इस फेर में बच्चे माता-पिता की देख-रेख से दूर हो जाते हैं. बच्चों को वे या तो परिवार के किसी सदस्य के जिम्मे छोड़ कर काम पर जाते हैं या फिर आया को सौंप जाते हैं. आया या गवर्नेस द्वारा बच्चों को शारीरिक व मानसिक यातना देने के जाने कितने वीडियो वायरल हो चुके हैं. ऐसे बच्चों का यौन शोषण भी आम ही है. बच्चों के साथ आया, नौकर, वाचमैन से लेकर घर और परिवार का कोई भी सदस्य यह कर सकता है.
शाम या रात को थके-हार कर जब माता-पिता घर लौटते हैं, तब उन्हें पता भी नहीं चलता है कि उनकी अनुपस्थिति में उनके बच्चों पर क्या-कुछ गुजरा है. कोलकाता के नेशनल इंस्टीट्यूट औफ विहेवियर साइंस की श्रीलेखा विश्वास का कहना है कि बच्चों के स्वभाव व उनके आचरण-व्यवहार के बारे में माता-पिता से ज्यादा बेहतर और कोई नहीं जान सकता है. जो माता-पिता नौकरीशुदा हैं और अपने बच्चों को किसी और के भरोसे छोड़ कर काम पर जाते हैं, उन्हें अपने बच्चों के स्वभाव व आचरण में अचानक देखे जाने जानेवाले छोटे-छोटे बदलाव पर ध्यान देना चाहिए.
अगर किसी बच्चे के साथ कुछ बुरा होता है तो अव्वल तो कुछ समझ नहीं पाता है कि क्या कुछ हो रहा है. कभी-कभी बच्चा कंफ्यूज हो जाता है. हर उम्र के बच्चों का उनके पारिवारिक माहौल, उनकी परवरिश के मुताबिक अलग-अलग प्रभाव हो सकता है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि वे स्पर्श को समझ नहीं पाते हैं. लेकिन उनके साथ जो कुछ भी हुआ, उसका उनके जेहन पर बड़ा गहरा असर होता है.
जिन बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न होता है, उनके आचरण-स्वभाव में अचानक से बदलाव आ जाता है. अगर माता-पिता अपने बच्चों के प्रति संवेदनशील हों तो उन्हें बच्चों के स्वभाव-आचरण में आए बदलाव का पता चल जाता है. यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चों में कुछ बदलाव देखे जाने हैं वे इस प्रकार हैं:
- बच्चों में खाने के प्रति अरूचि देखने में आती है. उन्हें भूख ही नहीं लगती.
- कभी अचानक रो पड़ते हैं. कुछ बच्चे को रह-रह कर रोने लगते हैं.
- देखा गया है कि कुछ बच्चे बार-बार नहाना चाहते हैं. या फिर बार-बार जाकर हाथ धो आते हैं.
- हर वक्त एक खास तरह का चिड़चिड़ापन उन पर हावी रहता है. बात-बता पर गुस्सा करते हैं. उनके शरीर पर कहीं पर हाथ रखो तो झटक देते हैं.
- सीधे किसीसे आंख मिला कर बात नहीं करते. किसी की ओर सीधे देखने से कतराते हैं.
- उनका मिजाज शक्क हो जाता है. सबको शक की नजर से देखते हैं. यह शक उनकी नजर में साफ तौर पर दिखाई पड़ता है.
- अचानक उनका वजन घटने लगता है. ऐसे बच्चे दुबले होने लगते हैं.
- कुछ बच्चों में इसका उल्टा भी देखा जाता है. वे अचानक मोटे होने लगते हैं.
- बार-बार वाशरूम जाते हैं. दरअसल, उन्हें बार-बार पेशाब करने की तलब महसूस होती है.
- कभी-कभी कुछ बच्चों में अचानक ऐंठन की शिकायत देखी जाती है. पूरे शरीर में ऐंडन होने लगती है.
- रात को सोए में अचानक रोने लगते हैं. या फिर हर कर जग जाते हैं.
- माता-पिता से दूर-दूर भागते हैं. उनके सामने पड़ने से कतराते हैं. यहां तक कि कुछ बच्चों में माता-पिता से छिपने की मानसिकता विकसित होते देखा जाता है.
- इसके विपरीत कुछ बच्चे तो सुरक्षा की चाह में माता-पिता के साथ चिपके रहना चाहते हैं.
- आग के प्रति उनका अचानक आकर्षण बढ़ जाता है.
- ऐसे बच्चों का आत्मनियंत्रण खो जाता है. बात-बात पर विफर जाते हैं. बिस्तर गीला करने लगते हैं.
हर छोटी-बड़ी बात में दुविधा उन पर हावी हो जाती है. वे कोई भी निर्णय नहीं ले पाते हैं.