एक समय था जब प्यार सिर्फ प्यार ही होता था. लेकिन आज के समय में रिश्तों में प्यार के अलावा सब है. ऐवलांचिंग डेटिंग भी इसी का आधुनिक रूप है. प्यार, पार्टनरशिप, अपनापन, लगाव, समर्पण, त्याग जैसे शब्द अधिकांश रिश्तों में अब सिर्फ नाम के रह गए हैं. इन सभी प्यारे शब्दों की जगह अब मतलब, पहुंच, स्वार्थ, दिखावे जैसे शब्द लेते जा रहे हैं. यही कारण है कि कभी जनमजनम तक चलने वाली साझेदारी अब कुछ सालों तक भी नहीं चल पाती है. साथी के होते हुए भी दूसरे लोगों की तरफ आकर्षित होना, हमेशा बेहतर की तलाश में जुटे रहना, एकसाथ 2-3 रिश्तों में रहना जैसी बातें अब बहुत ही आम होती जा रही हैं.
रिश्तों के इसी भंवर में अब नया शब्द उभरा है ऐवलांचिंग डेटिंग.
क्या है ऐवलांचिंग डेटिंग
इस फैंसी शब्द के पीछे का उद्देश्य धोखे और स्वार्थ में डूबा हुआ है. इस में शख्स साथी की तलाश में लगातार डेटिंग ऐप्स खंगालने में जुटा रहता है. वह दूसरों को लगातार प्यारभरे संदेश भेजता है और उस के इस कदर पीछे पड़ जाता है कि 'हां' कहना सामने वाले की मजबूरी बन जाता है.
हालांकि सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि वह शख्स ऐसा किसी का प्यार पाने के लिए नहीं करता, बल्कि इसलिए करता है जिस से वह उस साथी के साथ किसी पार्टी, सैलिब्रेशन आदि में दिखावा कर सके. वह दुनिया को यह बता सके कि वह अकेला नहीं है, उस के पास भी एक अच्छा साथी है. वैलेंटाइन डे, न्यू ईयर, क्रिसमस जैसे समय तो ऐसे लोगों की बाढ़ सी आ जाती है.