8 साल के कृष का व्यवहार कहीं से भी उस के हमउम्र दोस्तों सा नहीं है. खेलते समय अकसर अपने साथी दोस्तों को डरानाधमकाना और उन्हें मार बैठना उस की आदतों में शामिल है. इस बात के लिए उस के स्कूल और पासपड़ोस से कई बार शिकायतें भी आ चुकी थीं. उस के मम्मीपापा ने प्यार से, डांट कर समझाया पर वह उन की एक भी नहीं सुनता, बल्कि उन्हें भी आंखें दिखाने लगता है. जब डांट फटकार ज्यादा लगती है, तो घर की चीजें उठाउठा कर फेंकने लगता है.

दरअसल, कृष के मम्मीपापा दोनों कामकाजी हैं. तनावभरी जिंदगी में अकसर दोनों के बीच कहासुनी हो जाती है. कभीकभी तो लड़ाई इतनी बढ़ जाती है कि दोनों चीखनेचिल्लाने लगते हैं. कोई किसी की बात सुननेसमझने को तैयार नहीं होता. कई बार कृष अपने पापा को अपनी मम्मी पर हाथ उठाते भी देखता जिसे देख कर वह सहम उठता. धीरेधीरे फिर वह भी उसी प्रकार आचरण करने लगा. अपने मां, पापा से कोई भी बात वह चीखचिल्ला कर बोलता. गुस्से में घर की चीजें पटकता और वही सब फिर अपने दोस्तों के साथ करने लगा.

इस के लिए उस के मां, पापा जिम्मेदार हैं, क्योंकि कितनी बार कभी रो कर, कभी खामोश रह कर कृष ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की, लेकिन उस के मां, पापा ने कभी उस की बातों को नहीं समझा और उस के सामने ही आपस में लड़तेझगड़ते रहे. नतीजा, आज कृष एक जिद्दी और गुस्सैल बच्चा बन चुका है.

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13 साल की तन्वी स्कूल में एकदम चुपचाप रहती है. किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करती और न ही स्कूल की किसी ऐक्टिविटी में भाग लेती है. कारण, 2 साल पहले उस के मां,पापा का तलाक हो गया. दोनों में इतनी लड़ाई होती थी कि आखिरकार दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया. तन्वी रहती तो अपनी मां के साथ है, लेकिन छुट्टियों में अपने पापा के पास भी जाती रहती है. लेकिन अब उस का हंसनाखिलखिलाना सब खत्म हो चुका है. पढ़ाई में भी वह पहले जैसी होशियार नहीं रही. दोस्त भी उस के कम हो गए हैं.

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