आप ने ताउम्र अविवाहित रहने का निर्णय लिया. पति से विचारों का न मिलना या किसी और कारण से आप ने अकेले रहने का फैसला किया तो इस में कोई बुराई भी नहीं है आखिर अपने जीवन को अपनी तरह जीने का हक सभी को है. चूंकि बच्चा आप के साथ है, तो आप यह मान कर चलिए कि आप को अपने बच्चे के कुछ ज्वलंत प्रश्नों का सामना करना ही पड़ेगा. जाहिर है बच्चा अपने मन की बात आप से ही शेयर करेगा और यह उचित भी है क्योंकि किसी बाहर वाले से उसे पता नहीं क्या जवाब मिले जो उस के तनाव और आप के प्रति सोच को गलत बना दे.
इसलिए बच्चे के साथ आप का रिश्ता खुला और ईमानदारी का होना चाहिए और आपसी अच्छे संवाद का भी माहौल होना चाहिए जिस में बच्चा बे?िझक अपने दिल की बात आप से कह सके.
पहले से ही रखें प्रश्नों के उचित जवाब की तैयारी:
आप सिंगल मदर हैं तो कुछ सामान्य से प्रश्न आप का बच्चा आप से कभी भी पूछ सकता है जिस के लिए आप को पहले से ही तैयार रहना होगा जैसे मेरे पापा क्यों नहीं हैं? सब के पापा तो उन के साथ रहते हैं? मेरे दोस्त पूछते हैं पीटीएम में तेरी मां अकेली क्यों आती हैं?
ऐसे ही बहुत सारे सवालों की बौछार आप का बच्चा आप पर कर सकता है, जिन के जवाब कभी न कभी आप को देने ही होंगे. इन के लिए पहले से ही मानसिक रूप से तैयार रहें.
झंझलाएं नहीं प्यार से समझएं:
बच्चों का मन बहुत ही कोमल होता है. उन के बचपना भरे सवालों पर झंझलाने के बजाय उन्हें प्यार और मधुर आवाज में समझएं. कभी बच्चे के मन में उठने वाले सवालों पर डांट कर उसे चुप रहने के लिए दबाव न डालें. घर में थोड़ा हंसीमजाक या सैंस औफ ह्यूमर का भी माहौल रखने की कोशिश करें, ताकि बच्चा कुछ भी पूछने में हिचके नहीं. उस की कोई भी फ्रस्टे्रशन हो तो वे सवालों के माध्यम से आप के सामने आनी ही चाहिए.
आज के बच्चे बहुत ही समझदार और स्मार्ट हैं. वे कुछ समय में ही अपनेआप को माहौल के हिसाब से एडजैस्ट कर लेते हैं. बस आप को उन के लिए थोड़ा समय निकालना होगा.
बच्चे के सवालों के ठोस जवाब दें:
आप के जवाब से बच्चे का संतुष्ट होना जरूरी है नहीं तो समयअसमय वह अपने प्रश्न को कहीं भी आप से पूछने लगेगा. तब आप के लिए एक अजीब सी स्थिति भी आ सकती है जब बच्चा सब के बीच में आप से कुछ अटपटे सवाल पूछने लगे. बच्चे से भावनात्मक रूप से नजदीकी रखें और समझएं कि कौन सी परिस्थितियां थीं जिन में आप ने सिंगल रहने का निर्णय लिया. बच्चा धीरेधीरे अपने को हालात के हिसाब से एडजैस्ट अवश्य ही कर लेगा.
बच्चे को हमेशा सच बताएं:
बच्चे से कभी सचाई छिपाएं नहीं. कभी न कभी सच सामने आएगा ही तब आप के रिश्ते बहुत खराब हो सकते हैं. मेरी एक सहेली अपने पति के व्यवहार से शुरू से ही परेशान थी. आखिर वह अपने बच्चे को ले कर अलग रहने लगी. पैसे की कोई प्रौबलम नहीं थी सभी तरह की सुविधाओं के बावजूद अकसर बच्चे के सवालों को ले कर वह तनाव में रहती, खासतौर पर बच्चे के अपने पिता को ले कर प्रश्नों पर वह काफी असहज महसूस करती.
वह बच्चे को टालती रहती कि जब तुम बड़े हो जाओगे तब बताऊंगी, अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो, दोस्तों के साथ मस्ती करो. तुम्हें कोई कमी हो तो बताओ? इस तरह बच्चे को टालना ठीक नहीं है वह कुंठित हो सकता है या अपने मन में उठते सवालों को किसी और पूछ सकता है जहां उसे गलत और गुमराह करने वाले जवाब भी मिल सकते हैं, जो आप और आप के बच्चे दोनों के जीवन में अशांति फैला सकते हैं, इसलिए बच्चे को खुद सही स्थिति से अवगत कराएं.
बड़ों की चुगली न करें
आप यदि सिंगल मदर हैं तो यकीनन आप पर कई जिम्मेदारियां होंगी. बच्चा आप के साथ है तो उसे अच्छे संस्कार और अच्छी परवरिश की जिम्मेदारी भी आप पर आ जाती है. आप उसे गलतियों के लिए डांटेगी भी और अच्छी परवरिश के लिए रोकटोक भी करेंगी. ये बातें अकसर बच्चों को बुरी लगती हैं पर उन्हें बाद में इस के फायदे समझ आते हैं. आप के प्रशंसकों के साथसाथ आप से जलने वाले भी आप के आसपास होंगे.
कई बार बच्चा बाहर से कुछ सुन कर आता है कि उस के पिता तो बहुत अच्छे थे या मां को ले कर कुछ नैगेटिव सोच बच्चे को प्रश्न पूछने पर विवश करती है. इस समय आप को किसी की बुराई नहीं करनी है धीरज से काम लेना है. कभी भी समाज, परिजनों या पति से मतभेदों का रोना बच्चे के सामने ले कर न बैठें. वो नकारात्कता से भर सकता है. सर्वप्रथम बच्चे को विश्वास में ले कर ऐसे लोगों से दूर रहने की सलाह देनी होगी. उसे सचाई से रूबरू कराएं ताकि वह तनाव में न रहे.
एक बार और भी ध्यान में रखनी होगी कि बच्चे के किसी भी सवाल को अंतिम सवाल न समझें. वह अपने मैटल लैबल के हिसाब से सवाल पूछता रहेगा और आप को उस की जिज्ञासा को शांत करना ही होगा ताकि वह हमेशा तनावमुक्त रहे और आप की अच्छी परवरिश की छांव तले एक बेहतर इंसान बन सके.
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