दिल्ली के बुराड़ी इलाके में स्थितपूजा और अशोक की शादी को4 साल बीत चुके हैं. दोनों अभी 28-32 साल की है. साल के भीतर की उम्र के हैं.यह शादी परिवार वालों की इच्छा से अरेंज हुई थी. अशोक के घरवालों को पढ़ीलिखी लेकिन घर संभालने वाली बहु चाहिए थी. वे शहरी लड़की बिलकुल नहीं चाहते थे, तो अपने पैतृक भूमि पौड़ी जिले (उत्तराखंड) के कोटद्वारनगर से पूजा का हाथ अशोक के लिए मांग ले आए थे.

किन्तु अशोक का अपने कालेज दिनों से ही आरती पर क्रश था. आरती से उस की पहली मुलाकात जीटीबी नगर के बस स्टैंड के पास हुई थी, जिस के बाद दोनों का रोज उस बसस्टैंड के पास यूंही मिलना और साथ में कश्मीरी गेट तक जाना होता था. बहुत बार बस में खाचाकाच भीड़ के चलते दोनों एकदुसरे के नजदीक आते.दोनों में तनबदन में सिहरन दोड़ती, फिर नजरें मिलती. कई बार बस की सीट पर साथसाथ ही बैठना हो जाता.

साथ में सफर करते हुए ही उन की आपस में बात होनी शुरू हुई और यह बातचीत आपस में कुछ समय के प्रेम तक भी जा पहुंची. दोनों को आपस में प्रेम तो हो गया लेकिन किसी की तरफ से इस बारे में परिवार वालों को बोलने कीहिम्मत नहीं हुई. दरअसल आरती शहरी लड़की थी, लेकिन शहरी से अधिक वह यूपी राज्य से तालुक रखती थी. दोनों की जाति, संस्कृति, क्षेत्र, व बोलीअलगअलग थी जो दोनों के प्रेम सबंध को शादी के बंधन में बंधने से रोक रही थी.

दोनों ने इसे जवानी के एक अच्छे क्रश या कहें कि कुछ समय का प्रेम ही समझा. अशोक ने आरती को किसी तरह की कमिटमेंट नहीं दिखाई तो आरती की कुछ समय बाद शादी तय हो गई. जिस के कुछ समय के बाद, अशोक भी अरेंज मैरिज के लिए आधे मन से तैयार हो गया.

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