आजकल लोग गैजेट्स की दुनिया में गुम रहते हैं. इस तरह वे व्यस्त तो हैं, मगर प्रसन्न नहीं. वास्तविक प्रसन्नता और सेहत के राज जानने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अब तक का सब से विस्तृत और लंबा शोध किया.
'हार्वर्ड स्टडी औफ एडल्ट डेवलपमेंट' नाम का यह अध्ययन 1938 में शुरू हुआ जिस में 800 से ज्यादा लोगों के जीवन के हर पहलू का व्यापक अध्ययन किया गया. करीब 8 दशकों में चले इस अध्ययन में तीन समूह के लोगों को जोड़ा गया. पहले समूह में 268 उच्च शिक्षित हार्वर्ड ग्रेजुएट्स थे. दूसरा समूह 456 लोगों का था जो बोस्टन के गरीब इलाके के लड़कों का था. ये विपरीत परिस्थितियों में रह रहे थे. तीसरे समूह में 90 महिलाओं को लिया गया.
सालों तक इन लोगों के जीवन के व्यापक अध्ययन के बाद जो निष्कर्ष सामने आया वह था, अच्छे संबंध हमें खुश और सेहतमंद रखते हैं. यहां अच्छे संबंधों का तात्पर्य गहरे और मजबूत रिश्तों से है.
अकेलापन हमारे गम और डिप्रेशन को बढ़ाता है मगर रिश्तो की मिठास इन गमों को कम करने में मददगार है. रिश्ते बहुत सारे हों यह जरूरी नहीं मगर जो भी रिश्ता हो वह मजबूत और गहरा हो. भले ही आप रिश्तेदारों से जुड़े हो या दोस्तों से मगर रिश्तो की नींव मजबूत होनी चाहिए.
आइए देखते हैं कैसे रिश्तों को मजबूत बनाया जा सकता है.
माफ करना सीखें
बेवजह किसी के प्रति दिल में कड़वाहट रखने की आदत सिर्फ रिश्तों को कमजोर बनाती है, वरन आप की अपनी मानसिक सेहत के लिए भी खतरनाक है. बेहतर है कि आप सारे गिलेशिकवे भूल कर दिल से लोगों को माफ करना सीखें. इस से मन में सुकून और जीवन में उमंग कायम रहती है.
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