सुनीता बी.ए. फाइनल कर रही थी कि उस के मातापिता ने एक इंजीनियर ‘वर’ देख कर उस की सगाई कर दी. सुनीता की ससुराल वालों ने 3 महीने बाद विवाह का दिन निश्चित किया. लेकिन सुनीता के इंजीनियर मंगेतर के लिए उस से 3 महीने अलग रहना संभव नहीं था. अत: मंगेतर ने जबतब सुनीता के कालेज के चक्कर लगाने शुरू कर दिए. सुनीता ने मंगेतर के साथ घूमने जाने से मना किया तो उस ने कहा, ‘‘अब तो सगाई हो चुकी है. अब इनकार किसलिए?’’

‘कहीं मंगेतर नाराज न हो जाए’ सोच सुनीता उस के साथ घूमनेफिरने जाने लगी. होटल, रेस्तरां जाने के साथसाथ दोनों ने खूब फिल्में भी देखीं और फिर 3 महीने पूरे होतेहोते दोनों की सगाई टूट गई. सुनीता की तरह अनेक लड़कियों का सगाई के बाद रिश्ता टूट जाता है. सगाई और शादी के बीच अंतराल होने पर लड़केलड़की के साथसाथ घूमनेफिरने से रिश्ता टूटने की संभावना अधिक बढ़ जाती है. सगाई के बाद रिश्ता टूटने से लड़की को ही अधिक हानि होती है. आसपास वाले तरहतरह की बातें करने लगते हैं. सब लोग लड़की को ही दोष देते हैं, जबकि इस संबंधविच्छेद के लिए लड़का व उस के परिवार वाले अधिक जिम्मेदार होते हैं.

1. शारीरिक आकर्षण न पालें

सगाई के बाद लड़का और लड़की को एकदूसरे से मिलने की प्रबल उत्सुकता होती है. शारीरिक आकर्षण के कारण वे एकदूसरे से मिलना चाहते हैं, इसलिए चोरीचोरी एकदूसरे को फोन करते हैं. यदि लड़की कहीं सर्विस करती है, तो लड़का वहां पहुंच कर लड़की से मिलने की कोशिश करता है. लड़की किसी बहाने से उस से मिलने से बचती है, लेकिन उस के मस्तिष्क में लड़के से मिल कर उस के स्वभाव व दूसरी बातों को जान लेने की इच्छा होती है. 1-2 बार चोरीछिपे मिलना उन की उत्सुकता बढ़ा देता है. लड़का बारबार लड़की से मिलना चाहता है. लड़की मना करती है, तो लड़का एक ही बात कहता है, ‘‘अब तो सगाई हो चुकी है. कुछ महीनों में विवाह हो जाएगा.’’ लेकिन उन दोनों के बारबार मिलने और घूमनेफिरने में ऐसी बात हो जाती है कि लड़का विवाह से इनकार कर देता है.

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