सुरेश को पम्मी से पहली मुलाकात में ही प्यार हो गया. सुरेश अपनी गर्लफ्रैंड का इतना दीवाना हो गया कि वह अपने फ्रैंड्स को भूल गया. उन से मिलनाजुलना बंद कर दिया. उस ने अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान देना बंद कर दिया. सुरेश को हर वक्त सिर्फ एक ही बात का ध्यान रहता था प्यार, प्यार और सिर्फ प्यार.

इश्क, प्यार, मुहब्बत के चक्कर में पड़ कर अनेक युवा अपनी गर्लफ्रैंड के इतने दीवाने हो जाते हैं कि वे खानापीना, पढ़ाईलिखाई, सोना या घूमना, मिलनाजुलना आदि सबकुछ भूल जाते हैं. अनेक युवा इश्क के चक्कर में अपने कैरियर व फ्यूचर को दांव पर लगा देते हैं. वे फुलटाइम आशिक बन कर अपना सारा वक्त किसी पार्क, सी बीच, रैस्टोरैंट, पिक्चर हौल या मौल आदि जगहों पर बिताने लगते हैं.

माना कि जीने के लिए प्यार भी जरूरी है, मगर प्यार में पूरी तरह से डूब कर दिनरात सिर्फ प्यारप्यार की रट लगाना समझदारी नहीं है. आप ने किसी से प्यार किया है, अच्छी बात है. सही मौका मिलने पर प्यार करने में कोई बुराई नहीं है. प्यार की अहमियत अपनी जगह बहुत कुछ है. पर ध्यान रहे प्यार के चक्कर में अपना समय, स्वास्थ्य, पैसा, रिश्ते आदि को न भूल जाएं. कहीं ऐसा न हो कि आप को बाद में पछताना पड़े.

इन को न भूलें

इस बात का ध्यान रखें कि जीवन में सफल होने के लिए पढ़ाई जरूरी है. प्यार के चक्कर में अपनी पढ़ाई न छोड़ें.

गर्लफ्रैंड के चक्कर में अपने कैरियर को दांव पर न लगाएं. कैरियर बिगड़ा तो आप की लाइफ ही पूरी तरह डगमगा सकती है. प्यार अपनी जगह, कैरियर अपनी जगह.

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