अर्पिता एक अच्छी मां हैं. अपनी अच्छाई के चलते वे रिश्तेदारों व पूरे महल्ले की प्रिय हैं. इस की सब से बड़ी वजह यह है कि उन का रवैया एकसमान है. जितना वे बेटी के लिए करती हैं उतना ही अपने बेटे के लिए भी करती हैं. न किसी के लिए कम न किसी के लिए ज्यादा. सब से बड़ी बात यह है कि जहां महल्ले और रिश्तेदारों की महिलाएं अपनी बहुओं से परेशान रहती हैं वहीं अर्पिता को सब से ज्यादा सुख अपनी बहू से ही है.
दरअसल, अर्पिता ने शुरू से ही घर के काम सिर्फ बेटी को ही नहीं सिखाए, बल्कि अपने बेटे को भी सिखाए हैं. अर्पिता का बेटा मल्टीनैशनल कंपनी में जौब करता है. अच्छा कमाता है. इस के बावजूद वह घर के कामकाज में पत्नी को पूरा सहयोग देता है. बेटा अगर किचन में पत्नी की मदद करता है तो अर्पिता को बुरा नहीं लगता. अगर बहू किचन में काम कर रही है और अर्पिता किसी काम में बिजी हैं तो भी वह बेटे को किचन में बहू की मदद करने के लिए जाने को कहती हैं.
अर्पिता की बहू को सास का यह रवैया काफी पसंद आया और यही वजह है कि उन की कभी खटपट नहीं हुई जबकि शादी को करीब 5 साल हो रहे हैं. लेकिन ऐसा काफी कम घरों में ही देखने को मिलता है. बेटे को घर की शुरू से ही कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी जाती. उसे नाजों से पाला जाता है जो आगे चल कर परेशान करता है.
बेटों को भी करें तैयार
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
- 24 प्रिंट मैगजीन