सीमा का जब अपने पति के साथ तलाक हुआ तो उस के बेटे सोनू की उम्र 14 साल की थी. तलाक होने के 2 महीने बाद ही सोनू के पिता ने दूसरी शादी कर ली. अब सोनू न चाहते हुए भी अपने पिता और सौतेली मां के साथ रहने को मजबूर है. वजह, उस का स्कूल वहां से पास है. तलाक होने के बाद सोनू की मां सीमा जहां रहती हैं वहां वह अकसर जाता रहता है पर इन दिनों उस की मां उसे पहले की तरह समय नहीं दे पातीं. मां या तो अपने काम में व्यस्त रहती हैं या फिर अपने एक परिचित रोहित के साथ बातें करती रहती हैं. सोनू खुद को अब बहुत अकेला पाता है. रोहित को सोनू की मनोस्थिति समझते देर न लगी. उस ने सोनू से दोस्ती करनी शुरू कर दी. बहुत जल्द सोनू व रोहित आपस में हिलमिल गए. अब सोनू अकेलापन महसूस नहीं करता है बल्कि रोहित के साथ वीकेंड पर घूमने जाता है और खूब मस्ती करता है. रोहित जब भी सोनू से मिलता है, उस के लिए कुछ न कुछ उपहार ले कर आता है. सोनू को भी रोहित और अपने उपहार का इंतजार रहता है. सीमा जब यह सब देखती है तो उस की सारी चिंता काफूर हो जाती है.
इधर पिछले कुछ दिनों से रोहित को सबकुछ बहुत बदलाबदला सा नजर आ रहा है. अचानक सोनू ने उस से उपहार लेना बंद कर दिया और पहले की तरह अब न तो वह रोेहित से खुल कर मिलता है और न ही उस के साथ वीकेंड पर घूमने जाता है. सीमा भी अब उस से खुद को दूरदूर रखने लगी है. रोहित इस बदलाव को महसूस तो कर रहा है पर न तो वह इस का कारण समझ पा रहा है, न यह कि क्या करे कि सबकुछ फिर से पहले की तरह ठीक हो जाए. सीमा भी जानती है कि रोहित की उपेक्षा कर वह ठीक नहीं कर रही है लेकिन वह यह समझ पाने में असमर्थ है कि इस परेशानी का हल वह कैसे निकाले? कुछ साल पहले जब पति ने उस का साथ छोड़ा था तो वह बिलकुल अकेली हो गई थी. ऐसे में रोहित ने उसे संभाला था. धीरेधीरे रोहित का साथ उसे भी अच्छा लगने लगा था.