स्वधा का अपने बौयफ्रैंड राहुल से ब्रेकअप हुए कई महीने हो चुके हैं पर वह अभी भी उस के बारे में ही सोचती रहती है. वह राहुल को अभी तक अपने दिमाग से नहीं निकाल पाई. स्वधा का कहना है, ‘‘हर सुबह जब मैं सो कर उठती हूं, पहला खयाल मुझे राहुल का ही आता है. फिर याद आता है कि अब हम साथ नहीं हैं और मैं रोने लगती हूं. तब मैं उस का इंस्टाग्राम पेज देखती हूं. उसे अपने जीवन में आगे बढ़ते देखती हूं, तो और ज्यादा दुख होता है. मेरी फ्रैंड्स मुझे भी आगे बढ़ने के लिए कहती हैं पर मैं क्या करूं. वह हर समय मेरे दिमाग में रहता है. उस के बिना मुझे चैन ही नहीं है.’’
कई महीनों के बाद भी स्वधा इस ब्रेकअप से बाहर नहीं आ पाई है. हम में से कई लोग ब्रेकअप के बाद भी अपने एक्स को भुलाने के लिए संघर्ष करते हैं. जिस व्यक्ति को चोट पहुंची हो, जिस ने दिल तोड़ा हो उस से रिश्ता टूटने के बाद भी उसी के बारे में सोचते हैं, उस की इतनी ज्यादा जरूरत महसूस करते हैं कि बारबार उस के मैसेज, फोटो देखते हैं. ऐसा लगता है कि हम उस के बिना कुछ नहीं.
प्यार भी नशा है
रिसर्च बताती है कि प्यार का भी नशे की तरह दिमाग पर प्रभाव होता है. जब कोई रोमांटिक रिश्ता खत्म होता है, तब वैसा ही असर होता है जैसा हेरोइन या कोई और नशा ले रहे व्यक्ति का तब होता है जब वह अचानक कोई नशा लेना बंद करता है. स्वधा का मस्तिष्क भी वैसी ही प्रतिक्रिया दे रहा था जैसा किसी नशाखोर का देता है, क्योंकि स्वधा को अपना एक्स (जैसे हेरोइन) मिल नहीं पा रहा था. वह खुद को उस की यादों में ही जकड़ कर रख रही थी. ये यादें थोड़े समय के लिए ही उसे आराम पहुंचा सकती थीं, पर एक्स से मिलने के लिए उस की इच्छा को और बढ़ा रही थीं.
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