आज लड़के यह समझने को तैयार नहीं हैं कि लड़की के लिए उस का भविष्य उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना कि स्वयं किसी लड़के का होता है. लड़कियों के लिए भविष्य कोई सपना या विकल्प नहीं, बल्कि उस की आवश्यकता है. यह आवश्यकता केवल वित्त की ही नहीं, बल्कि लड़कियां अपनी क्षमता साबित करने और व्यक्तित्व को परिभाषित करने के लिए भी यह जरूरी समझती हैं.
स्त्री और पुरुष दोनों ही अपना भविष्य चुनने के लिए स्वतंत्र होते हैं. लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि धीरेधीरे पनप रहे अपने प्रेमसंबंध से वे अपने पथ से विचलित हो जाएं. लेकिन दीर्घ अवधि का प्रेमालाप और मोमबत्ती की मध्यम रोशनी में साथ किया गया रात्रिभोज उन्हें एक रात के यौनसुख की ओर अग्रसर करता है और फिर सप्ताह के अंत में मद्यपान की शुरुआत होती है, जो धीरेधीरे प्रतिदिन में बदल जाती है. संपूर्ण प्रतिस्पर्धी, मतलबी दुनिया में युवाओं की यही सचाई है.
स्त्रीपुरुष संबंधों की विशेषज्ञा लूसी बेरेसफोर्ड अपनी पुस्तक ‘इनविजिबल थ्रैड्स’ के विमोचन समारोह में दिल्ली आई थीं. उन का कहना है कि आज के युवा आपसी संबंधों की अपेक्षा नौकरी और भविष्य को ज्यादा महत्त्व दे रहे हैं. वे ऐसे संबंधों को त्यागने, जो खुद के लिए कारगर नहीं हैं या खुद को अपने साथी के अनुरूप न पाने पर भी अलग होने में जरा भी देर नहीं करते. उन्हें विश्वास होता है कि उन के जीवन में शीघ्र ही कोई दूसरा आ जाएगा.
28 वर्षीय राकेश चौबे हाल ही में हुए अपने प्रथककरण की व्याख्या करते हुए कहते हैं, ‘‘मैं अपने साथी से व्यक्तित्व या गलतफहमी के आधार पर अलग नहीं हुआ, बल्कि व्यावसायिक व्यस्तता की असमानता और पद के बेमेल के कारण हुआ हूं.’’
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
- 24 प्रिंट मैगजीन