नवजात पैदा होने के तुरंत बाद स्तनपान के लिए तैयार होता है. वह अपने व्यवहार से दर्शाता है कि वह स्तनपान करना चाहता है जैसे चूसने की कोशिश करना, अपने मुंह के पास उंगलियां लाना. पैदा होने के बाद पहले 45 मिनट से ले कर 2 घंटों के भीतर बच्चे का ऐसा व्यवहार देखा जा सकता है.

बच्चे के जन्म के बाद 6 सप्ताह स्तनपान के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण होते हैं. बच्चे को जन्म के बाद पहले 1 घंटे के अंदर स्तनों के पास रखें. हर 3-4 घंटे में बच्चे की जरूरत के अनुसार उसे स्तनपान कराएं. ऐसा करने से फीडिंग की समस्याएं कम होंगी, साथ ही आप इस से स्तनों में अकड़न की समस्या से भी बचेंगी.

कैसे करें शुरुआत

एक आरामदायक नर्सिंग स्टेशन बनाएं और खुद को रिलैक्स रखें.

स्तनपान कराते समय आरामदायक स्थिति में बैठें, जैसे आप कुरसी पर बैठ सकती हैं या बिस्तर पर बैठ कर तकिए का सहारा ले कर स्तनपान करा सकती हैं. बच्चे को अपने हाथों से सपोर्ट दें. इस दौरान ध्यान रखें कि आप के पैर सही स्थिति में हों. अगर आप बिस्तर पर हैं तो अपने पैरों के नीचे तकिया रखें. इसी तरह अगर कुरसी पर बैठ कर स्तनपान कराना चाहती हैं, तो फुटस्टूल का इस्तेमाल करें.

स्तनपान की कुछ तकनीकें

क्रैडल होल्ड: स्तनपान की इस तकनीक में आप बच्चे के सिर को अपनी बाजू से सहारा देती हैं. बिस्तर या कुरसी पर आराम से बैठ जाएं. अगर बिस्तर पर बैठी हैं तो तकिए का सहारा लें. अपने पैरों को आराम से किसी स्टूल या कौफी टेबल पर रख लें ताकि आप बच्चे पर झुकें नहीं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...