मायके आई अपनी ननद अभिलाषा का लटका चेहरा देख उस की भाभी ने पूछ ही लिया, ‘‘कुछ प्रौब्लम है क्या पवन के साथ?’’ अभिलाषा कुछ नहीं बोली. मगर अनुभवी भाभी ने जरा सा कुरेदा, उस की पलकें भीग गईं. अभिलाषा खुद को रोक नहीं पाई. फिर उस ने वही बताया जिस का भाभी को शक था. अभिलाषा बोली, ‘‘अभी तो शादी को 2 ही साल हुए हैं... पवन को मेरे में जैसे कोई दिलचस्पी ही नहीं...बस कभी इच्छा हुई, तो मशीनी तरीके से सब निबटा कर सो जाता है... न रोमांस, न हंसीठिठोली.’’
पत्नियों की यह आम शिकायत है कि शादी के 2-3 साल तक तो पति उन पर डोरे डालते रहते हैं, लेकिन बाद में उन में दिलचस्पी लेना बंद कर देते हैं. ऐसे में पत्नियां खुद को उपेक्षित सा महसूस करने लगती हैं.
अलगअलग शिकायतें
सैकड़ों दंपतियों पर किए गए अध्ययन में पत्नियों की इस शिकायत की पुष्टि भी हुई है. अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि हनीमून फेज, जोकि इस अध्ययन के मुताबिक 3 साल 6 महीने का होता है, के समाप्त होते ही पति और पत्नी दोनों ही एकदूसरे को लुभाने की कोशिश छोड़ देते हैं. दोनों ही आकर्षक दिखने, एकदूसरे का खयाल रखने की अतिरिक्त कोशिशें छोड़ देते हैं. प्यार को नौर्मल बात समझते हैं. एक ओर पत्नियां शिकायत करती हैं कि पति उन्हें पहले की तरह प्यार नहीं करते और उन के साथ सैक्स में भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते, तो दूसरी ओर पति भी ऐसी ही शिकायत करते हैं.
उन का मानना है कि पत्नियां भी शादी के बाद एकाध साल तो बड़ा ध्यान रखती हैं, मृदुभाषी रहती हैं, अपनी साजसज्जा, पहनावे पर खूब ध्यान देती हैं, छेड़छाड़ और ठिठोली वाली हरकतें करती हैं, लेकिन बाद में गंभीरता का लबादा ओढ़ लेती हैं. बातबात में मुंह फुलाती हैं. हर वक्त थकान, बीमारी, व्यस्तता के बहाने बनाती हैं. सैक्स में भी सहयोग न कर आनाकानी करती हैं. पतियों की इस शिकायत को हलके में नहीं लिया जा सकता. अभिलाषा जैसी पत्नियों को समझना होगा कि हमेशा पति ही पत्नी में दिलचस्पी क्यों ले? पति ही सैक्स के लिए मनुहार या पहल क्यों करें? पति पत्नी से ऐक्टिव होने की उम्मीद क्यों न करें?