“प्रांजल बेटा शादी की उम्र हो गई तुम्हारे मम्मी पापा परेशान हो रहे हैं, और तुम हो की शादी के लिए हां ही नहीं करते!”
प्रांजल के दादाजी ने प्रांजल से कहा तो प्रांजल ने जवाब दिया,” ओह दादू छोड़ो पुराने जमाने की बातें . मैं अपनी जिंदगी में खुश हूं . मुझे नहीं बंधना किसी भी बंधन में. घर , गृहस्थी ,परिवार ,बच्चे , क्या मिलता है इन सब के साथ बंध कर? मैं अपनी बेरोक टोक लाइफ जी रहा हूं. मैं ऐसे ही खुश हूं. इसलिए आप मेरी शादी की चिंता छोड़ दें और मम्मी पापा को भी समझा दें.”
प्रांजल के जवाब से उसके दादाजी शौक्ड रह गए. दरअसल, उनके समय में तो बालिग होते ही बच्चों की शादी कर दी जाती थी.
एक समय था जब लोग संयुक्त परिवार में रहते थे. धीरेधीरे एकल परिवारों का चलन बढ़ा और अब नया ट्रेंड है 'सिंगलहुड'. जी हां, सिंगलहुड वो ट्रेंड है जो जेन जेड को पसंद आने लगा है. इतना ही नहीं अब आधुनिकता के घोड़े पर सवार युवाओं को अपनी मर्जी से अकेले रहना इतना भाने लगा है कि सिंगलहुड के ट्रेंड में दिनोंदिन वृद्धि भी हो रही है. हाल ही में हुए एक शोध में इसे लेकर कई बड़े खुलासे किए गए हैं.
जानिए क्या है सिंगल हुड
एक समय था जब माना जाता था कि जिंदगी में प्यार ही सबकुछ है. जिसकी जिंदगी में प्यार नहीं है, उसका जीवन अधूरा है. खासतौर पर टीनएजर्स और यंगस्टर्स के दिल में तो प्यार का सागर हिलोरे खाने लगता था. अपने प्यार के लिए वे सब कुछ करने को तैयार रहते थे. एक झलक पाने के लिए कई जतन किए जाते थे. लेकिन समय के साथसाथ अब इस फीलिंग में बदलाव आ गया है. जर्नल आफ पर्सनैलिटी एंड सोशल साइकोलौजी बुलेटिन में प्रकाशित एक शोध में रिश्तों को लेकर कई चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं.जिसके अनुसार आज के किशोर अकेले अपने अंदाज से जीना पसंद करते हैं. वह अपनी खुशियों के लिए किसी दूसरे पर निर्भर नहीं रहना चाहते, बल्कि वे खुद अपने साथ ही खुश रहना चाहते हैं. यही है सिंगलहुड, जिससे आज के युवा काफी संतुष्ट हैं.
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