आज जितना चुनौतीपूर्ण माहौल हमारे लिए है, उस से भी कहीं ज्यादा हमारे बच्चों के लिए है. हम तो इतने समझदार हैं कि कैसे खुद को समझना है, कैसे परिस्थितियों को हैंडल करना है, कैसे खुद को मोटीवेट करना है, हमें पता है और हम आसानी से उसे डील कर लेते हैं.
लेकिन हमारे बच्चे नहीं समझ पाते कि कैसे अलगअलग परिस्थितियों से निबटें. इस कारण वे जिद्दी व गुस्सैल हो जाते हैं. यह उन के कौन्फिडैंस को कम करता है और आगे चल कर इसी तरह के व्यवहार की वजह से वे खुद को दूसरों से कम आंकने लगते हैं.
ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने बच्चों को रिवार्ड?थेरैपी दें ताकि वे इस नैगेटिव माहौल में खुद को खुश रखने के साथसाथ कुछ नया लर्न कर पाएं. जो आगे चल कर उन के काम आए.
क्या है रिवार्ड थेरैपी
आप सोच रहे होंगे कि रिवार्ड थेरैपी होती क्या है. तो आइए इसे इस तरह जानते हैं. जब भी हमें किसी चीज के लिए रिवार्ड मिलता है, कोई हमारी पीठ थपथपाता है या फिर लोगों के सामने हमें वैलडन जैसे शब्दोें से नवाजा जाता है तो हमें बहुत ज्यादा खुशी होती है और हम इस रिवार्ड को पा कर आगे और भी अच्छा करने के बारे में सोचते हैं और पूरी मेहनत से उसे करते भी हैं.
ठीक उसी तरह से बच्चों के लिए भी यह रिवार्ड थेरैपी है, जो उन्हें नई चीजों को सिखाने के साथसाथ रिवार्ड के जरीए उन्हें आगे बढ़ाने और बेहतर काम करने व उन के कौन्फिडैंस को बढ़ाने का काम करती?है. तो जानते हैं बच्चों को रिवार्ड थेरैपी देने के लिए आप क्याक्या करें.