मौडर्न होने का अर्थ है बदलते वक्त के साथ सही तालमेल बैठाते हुए आगे बढ़ना. आज की गृहिणी ने भी कुछ ऐसा ही किया है, इसलिए वह गृहिणी नहीं बल्कि मौडर्न वाइफ कही जा रही है. बदलते समय में वह सिर्फ घर के प्रति अपने सारे दायित्व नहीं निभा रही, बल्कि बाहर जा कर नौकरी भी कर रही है. इस नए जमाने में उस की जिंदगी पुराने समय की गृहिणी से बिलकुल भिन्न है. दोहरी भूमिका में आज की गृहिणी ने साबित कर दिया है कि वह मौडर्न जमाने की मौडर्न वाइफ है. बच्चों के लालनपालन व परिवार की सेहत का खयाल रखना प्राय: मां की ही जिम्मेदारी कही जाती है. आज जिस तेजी से समय व परिस्थितियां बदल रही हैं, उसी तेजी के साथ बच्चों की खानपान संबंधी आदतें भी बदल रही हैं. आज वे रोटी और परांठे की जगह बर्गर, सैंडविच और पिज्जा को तवज्जो दे रहे हैं. इस का सीधा असर उन की सेहत पर पड़ रहा है. उन्हें मोटापे व अन्य कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए आज की मौडर्न गृहिणी ने भी समय के अनुरूप खुद को ढालते हुए भोजन के साथ नएनए एक्सपेरिमैंट कर नए तरीकों से बच्चों और परिवार वालों की पौष्टिक जरूरतें पूरी करना शुरू कर दिया है. वहीं पति के स्वास्थ्य व अपनी देखभाल की जिम्मेदारी भी उसी के कंधों पर है.

सेहत से समझौता नहीं

मौडर्न वाइफ अपने परिवार की सेहत के साथ किसी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं होती. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में समय पर खानेपीने को भी समय नहीं मिलता, लेकिन जब तक अच्छी सेहत नहीं होगी तब तक अच्छा काम नहीं होगा. बच्चों को अंदर से चुस्तदुरुस्त व तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए वह बच्चों के भोजन में ऐसे खाद्यपदार्थ शामिल करती है, जिस से स्वाद व सेहत दोनों एकसाथ मिल सकें. आज बाजार में अनेक ऐसे रेडी टु कुक, रेडी टु ईट फूड प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं, जो बच्चों को बेहद पसंद आते हैं व बनाने में भी आसान होते हैं. बच्चों को रोजरोज एक ही तरह का खाना खाने से जल्दी ही बोरियत हो जाती है. इसलिए मौडर्न गृहिणी कोल्ड ड्रिंक्स की जगह बच्चों को फू्रट व वैजीटेबल जूस व शेक्स बना कर सर्व करती है, जिस से बच्चों के संपूर्ण मानसिक व शारीरिक विकास के लिए सभी पौष्टिक तत्त्वों का समावेश हो सके. वह बाजार में मिलने वाले ऐसे फूड प्रोडक्ट्स को घर लाती है जिन में प्रचुर मात्रा पौषक तत्त्व हों, क्योंकि वह इस बात की पूरी जानकारी रखती है कि पति व बच्चे को कितनी कैलोरीज की जरूरत है. उसी के मुताबिक वह उन का खाने का चार्ट तैयार करती है. यानी पति व बच्चों की सेहत से कोई समझौता नहीं. अपने बच्चों के लिए सुबह के नाश्ते से ले कर रात को 1 गिलास नियमित दूध तक वह कहीं भी लापरवाही नहीं बरतती. हैल्दी ब्रेकफास्ट बच्चे को स्कूल में अच्छी परफार्मैंस में मदद देता है.

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मौडर्न वाइफ नाश्ते में वे चीजें शामिल करती है, जिन से बच्चे को भरपूर ऐनर्जी मिल सके. तैयार करने में आसान नाश्ते में लो फैट मिल्क, टोस्ट विद पीनट बटर, अनाज या दाल से बनी कोई चीज व जूस आदि शामिल किए जा सकते हैं. इसी तरह लंच में वे चीजें पैक करती है, जिन्हें बच्चा देखते ही खाना चाहे. यही नहीं, बचपन से ही वह बच्चों में खानपान संबंधी अच्छी आदतें विकसित करती है, ताकि वे हमेशा चुस्तदुरुस्त बने रहें. परीक्षाओं के दिनों में बच्चों के खानपान की जरूरतें उन की पूरी दिनचर्या के अनुसार सारे प्रबंध करती है, उन्हें मानसिक सपोर्ट प्रदान कर मजबूत बनाती है और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है.

तनावमुक्त जीवन

शहरों के लोग तो तनाव के बीच ही जीते हैं. किसी के पास समय नहीं, जो एकदूसरे के घर जा कर हालचाल पूछे. आज एसएमएस और ईमेल का जमाना है. ऐसे में मौडर्न वाइफ कोशिश करती है कि उसे व परिवार को तनावमुक्त माहौल मिल सके. इसलिए घर की हर छोटीबड़ी जिम्मेदारी को वह अच्छी तरह निभाने का प्रयास करती है. आज पढ़ीलिखी मौडर्न वाइफ परिवार के हर तरह दायित्व को पूरा करने में सक्षम है. और यही नहीं, नई तकनीकों की जानकारी रखने के साथ ही वह अपने बच्चों क ो भी नई तकनीकों का ज्ञान देती है. जिस से वे विकास की दौड़ में किसी से पीछे न रह जाएं.

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