युवाओं का पहला आकर्षण प्रेम ही होता है. शायद ही कोई ऐसा युवा होगा जो रोमांस के इस फेज में न फंसा हो. कोई अपना लव इंटरैस्ट अपनी क्लासमेट में ढूंढ़ता है तो कोई पासपड़ोस की ब्यूटीफुल युवती पर फिदा हो जाता है. युवावस्था के आकर्षण से जुड़े हारमोंस ही हमें किसी विपरीतलिंग की तरफ आकर्षित करते हैं.
हालांकि हर बार यह प्यार सच्चा हो, इस की कोई गारंटी नहीं. प्यार के नाम पर कैमिकल लोचा भी हो सकता है, प्यार एकतरफा भी हो सकता है और कई बार लव को लस्ट यानी वासना की शक्ल में भी देखा जाता है. इन सब प्यार की अलगअलग कैटेगरीज से गुजरता हर युवा मैच्योर होतेहोते सीखता है कि लव के असल माने क्या हैं?
इस रोमांटिक फेज में उपरोक्त कैटेगरीज के अलावा एक और खतरनाक फेज होता है सैक्सरिंग का यानी प्यार के नाम पर जब कोई युवती किसी युवती को फंसा ले तो वह सैक्सरिंग में उलझ कर रह जाती है.
प्यार में सौदा नहीं
करन अरोड़ा को कम उम्र में ही पेरैंट्स ने महंगी बाइक दिला दी. महंगी और ऐडवांस्ड बाइक के टशन में वह रोज स्कूल से कोचिंग आता. वह प्रिया को कई बार घर से कोचिंग तक लिफ्ट दे चुका था.
इस के पीछे कारण यह था कि अचानक कुछ दिनों से प्रिया करन की तारीफ उस के दोस्तों के बीच कुछ ज्यादा ही करने लगी थी. दोस्तों से अपनी तारीफ सुन कर करन को लगा कि वह प्रिया को प्रपोज कर देगा. एक दिन कोचिंग से बंक मार कर वह प्रिया को मौल ले गया और उसे प्रपोज कर दिया.