Long Distance : हाल ही में मुसकान और सौरभ की लवस्टोरी सब की जबान पर है. लौंग डिस्टैंस में उन के बीच इस कदर दूरियां आईं कि मुसकान ने अपने ही पति को मौत के घाट उतार दिया. वजह बहुत सी रही होंगी लेकिन सब से बड़ी वजह है लौंग डिस्टैंस क्योंकि एक पार्टनर के साथ न रहने पर ही नए साथी के लिए जीवन में जगह बनती है. यही लौंग डिस्टैंस यदि गैर शादीशुदा पाटनर्स के बीच आए तो खतरा बस ब्रेकअप का होता है. लेकिन शादी के बाद यह औप्शन सिलेबस में समझ नहीं आता और फिर जो नतीजे सामने आते हैं वे कभी सही नहीं होते.

चाहे मुसकान सौरभ का केस हो या ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से जुड़े और भी कई केस, ये सभी हमारे जीवन और रिश्तों में शक का बीज बोने का काम ही करते हैं.

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप यानी दूर रह कर निभाए जाने वाले रिश्ते अकसर मुश्किलों से भरे होते हैं. जब पतिपत्नी लंबे समय तक अलग रहते हैं, तो विश्वास और पारदर्शिता की परीक्षा होती है. लेकिन कई बार यह दूरी शक को जन्म देती है, खासकर जब पति अपनी पत्नी को अपनी मिल्कियत समझने लगते हैं. वे यह जानने की कोशिश करते हैं कि पत्नी किस से मिली, किस से बात की, कब और कहां गई वगैरह. इस तरह का संदेह रिश्ते को कमजोर कर सकता है.

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप में शक को कैसे दूर किया जाए और रिश्ते को कैसे मजबूत बनाया जाए, आइए जानते हैं :

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप में शक क्यों जन्म लेता है

शक के कारण तो बहुत से हो सकते हैं, जिन में सब से बड़ा कारण है कम्यूनिकेशन गैप. जब पतिपत्नी के बीच बातचीत कम हो जाती है, तो संदेह पनपने लगता है. इसलिए जरूरी है कि जब भी आप को समय मिले तो बात करें और आप का पार्टनर क्या कहना चाहता है उसे सुनें.

अतिरिक्त नियंत्रण

● जब पति या पत्नी एकदूसरे पर बहुत अधिक नियंत्रण चाहते हैं, तो इस से घुटन महसूस होती है. आप दूर रह रहे हैं तो यह जरूरी नहीं कि आप अपने पार्टनर की पूरी दिनचर्या का ही पता करें. एकदूसरे पर भरोसा रखें, अगर आप सामने वाले से यह उम्मीद करते हैं कि वह आप को धोखा न दे, तो खुद भी अपनी भावनाओं पर संयम रखें.

● अतीत के अनुभव : यदि पहले किसी ने विश्वासघात का सामना किया हो, तो शक की भावना स्वाभाविक रूप से बढ़ सकती है. लेकिन हर व्यक्ति एकसमान नहीं होता, यह समझें और विश्वास की डोर कायम करें.

● सोशल मीडिया और बाहरी प्रभाव : जब कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय रहता है या किसी दोस्त के साथ ज्यादा समय बिताता है, तो संदेह उत्पन्न हो सकता है. ऐसे में अपनी सोशल लाइफ में कितना सोशल होना है इस बात का खयाल रखें.

पति की मिल्कियत वाली मानसिकता का असर

कई पुरुष शादी के बाद अपनी पत्नी को अपनी संपत्ति की तरह देखने लगते हैं. वे यह मानते हैं कि पत्नी पर उन का पूरा अधिकार है और उसे हर बात की जानकारी देनी चाहिए. यह सोच केवल रिश्ते को नुकसान पहुंचाती है. इस से पत्नी कुछ वक्त भले प्यार में पजैसिव होने की समझे, लेकिन लंबे समय तक इस तरह का व्यवहार पत्नी को घुटन महसूस कराता है और उस के आत्मसम्मान को चोट पहुंचाता है. इस से पतिपत्नी के बीच प्यार की जगह डर और झिझक भी जन्म लेती है.

ऐसे में पत्नी सच के बजाए बातों और जानकारी में फिल्टर लगाना शुरू कर देती है जिस से रिश्तों में खटास आ जाती है. ऐसे में जरूरी है कि पति पत्नी को संपत्ति नहीं अपना साथी मान कर चले.

शक के घेरे से बाहर आने के उपाय

● पारदर्शिता बनाए रखें : रिश्ते में पारदर्शिता सब से अहम होती है. अपनी दिनचर्या को एकदूसरे के साथ साझा करें, लेकिन जबरदस्ती न करें. यदि किसी से मिलनाजुलना हो तो पहले से बता दें, ताकि शक की स्थिति न बने. ओपन कम्युनिकेशन को अपनाएं और अपनी भावनाओं को खुल कर साझा करें.

● भरोसा और स्पेस दें : हर व्यक्ति को व्यक्तिगत स्पेस चाहिए होता है.

● शक करने से पहले अपनी सोच को तर्क की कसौटी पर परखें. अपने पार्टनर के संबंध में किसी की कही हुई बात पर विश्वास न करें. उन्हें बैनिफिट औफ डाउट दें और खुद ऐक्सप्लेन करने का मौका भी दें.

● जबरदस्ती हर बात की जानकारी मांगने से बचें. इस से आप का पार्टनर आप से अपनी बात कहने से झिझकता है.

टेक्नोलौजी का सही इस्तेमाल करें

आजकल टेक्नोलौजी की मदद से लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप को मजबूत किया जा सकता है. वीडियो कौल, मैसेज और वौइस नोट्स का सही इस्तेमाल करें. ट्रैकिंग ऐप्स से बचें, क्योंकि वे विश्वास को कमजोर कर सकते हैं.

सोशल लाइफ का सम्मान करें

पत्नी के सामाजिक जीवन को भी महत्त्व देना जरूरी है. हर दोस्ती को संदेह की नजर से न देखें. पार्टनर को सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेने दें. जबरदस्ती किसी व्यक्ति से दूर रहने की शर्तें न थोपें.

मानसिकता बदलें : पत्नी कोई संपत्ति नहीं है

पति को यह समझना होगा कि पत्नी उन की संपत्ति नहीं है, बल्कि एक स्वतंत्र व्यक्ति है. रिश्ते में बराबरी की सोच विकसित करें. शादी का मतलब मालिकाना हक नहीं, बल्कि सहयोग और सम्मान है. अगर शक होता है, तो संवाद करें न कि जबरन नियंत्रण करें.

मजबूत रिश्ते के लिए क्या करें

● विश्वास बढ़ाने वाली गतिविधियां करें : नियमित रूप से कौल करें, लेकिन बाध्यता न बनाएं. यह न करें कि अगर एक कौल आप की मिस हो जाए तो बैक टू बैक कौल या मैसेज करते रहें या फिर दूसरों को कौल कर के अपने पार्टनर की जानकारी मांगें. सब्र रखना सीखें. भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करें. इस से रिश्ते में सुरक्षा की भावना बढ़ती है.

प्यार है तो उसे जताएं भी

अकसर लोग प्यार होने के बाद भी उस को अपने ऐक्शन में नहीं दिखाते. प्यार है तो दिखाओ, जताओ. फिजिकल टच हो या न हो, आप की बातें हों. उस में आप के पार्टनर के लिए प्यार झलकना चाहिए.

अगर आप को कौल करने का मौका न मिल रहा हो तो मैसेज भेज दें. कभीकभी सरप्राइज प्लान करें, जैसे अचानक मिलने आना. पूरा गुलदस्ता न सही एक फूल ही खरीद लाएं.

पौजिटिव सोच अपनाएं

● हर चीज में नकारात्मकता न ढूंढ़ें : अगर संदेह हो, तो पहले खुल कर बात करें. ओपन कम्यूनिकेशन से आप की 90% समस्याएं सुलझ सकती हैं. अगर आप के मन में कोई बात है तो उसे थर्ड पर्सन से डिस्कस करने की बजाए पहले दोनों आपस में बात करें. अपने डर और असुरक्षाओं को समझें और उन्हें हल करने की कोशिश करें.

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप में शक एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसे दूर किया जा सकता है. भरोसा और ट्रांसपेरैंसी बनाए रखें, स्पेस दें, पत्नी को एक स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में देखने की आदत डालें. रिश्ते का आधार प्रेम, विश्वास और पारस्परिक सम्मान है.

यदि इन 3 चीजों को बनाए रखा जाए, तो लौंग डिस्टैंस भी आप के रिश्ते को कमजोर नहीं कर सकता. दूसरों को अपने रिश्तों के बीच में न आने दें. इस से विश्वास की डोर कमजोर होती है. भरोसे का यह ब्रिज डगमगाता बहुत है लेकिन आप का आप के पार्टनर और उस की लौयल्टी पर लीप औफ फेथ जरूरी है.

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