अकसर यह देखा जाता है कि घर के काम विशेष रूप से किचन का काम, महिलाओं की जिम्मेदारी मान ली जाती है. त्योहार का सीजन आने पर महिलाओं पर घर के दूसरे कामों के साथसाथ किचन में पकवानों के बनाने की दोहरी जिम्मेदारी भी आ जाती है. ऐसे में त्योहार का मजा बाकी घर के लोग तो उठा लेते हैं लेकिन महिलाएं घर और किचन से ही फ्री नहीं हो पातीं.

पति और पत्नी दोनों कामकाजी हों या नहीं, घरेलू जिम्मेदारियों को मिल कर साझा करना एक खुशहाल और संतुलित रिश्ते की कुंजी हो सकता है. आज के समय में जब महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं और अपनी प्रोफैशनल जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं तो घर के कामों में भी साझेदारी की उम्मीद होना स्वाभाविक है.

एक संतुलित और स्वस्थ रिश्ते के लिए यह जरूरी है कि पतिपत्नी दोनों मिल कर घर की जिम्मेदारियों को बांटें खासकर वर्किंग महिलाओं के लिए किचन का काम अकेले संभालना थकान भरा हो सकता है. ऐसे में पति को किचन में मदद के लिए तैयार करना एक सकारात्मक कदम हो सकता है.

संवाद से करें शुरुआत

सब से पहले पति से इस मुद्दे पर खुलकर बात करें. अपने विचारों और भावनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करें कि किचन का काम सिर्फ एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए.

चाहिए बल्कि यह साझेदारी का काम है. उन्हें बताएं कि एक वर्किंग महिला के रूप में आप के पास समय और ऊर्जा की सीमाएं होती हैं और उन की मदद से काम जल्दी और आसानी से निबट सकता है. यह बातचीत शिकायत या नाराजगी के बजाय समझदारी और सहयोग पर आधारित होनी चाहिए.

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