आन्या 22 वर्षीय खूबसूरत होनहार और स्वतंत्र विचारों वाली युवती है. बचपन से ले कर आज तक अपने सारे फैसले खुद करती आई है. फिर वह हुआ जो आमतौर पर आजकल के युवकयुवतियों के साथ होता है यानी मुहब्बत. स्वतंत्र आन्या मुहब्बत की बेडि़यों में ही अपनी पहचान ढूंढ़ने लगी थी. अपने बौयफ्रैंड के साथ आन्या ने सतरंगी जीवन के सपने बुनने आरंभ कर दिए थे. अपने शौक, कपड़े पहनने का तरीका सबकुछ उस ने मुहब्बत के फेर में पड़ कर बदल लिया. और फिर टूटे दिल के साथ डिप्रैशन में चली गई.

दीया बचपन से बड़े होने तक एक ही सपना देखती आई कि उस की जिंदगी में एक राजकुमार आएगा. पासपड़ोस, रिश्तेदारों में सब की लव स्टोरी थी. ऐसे में दीया को लगने लगा कि उस की जिंदगी बिना साथी के बेमानी है और फिर इसी विचारधारा के कारण वह जल्द ही एक लंपट किस्म के लड़के के चंगुल में फंस गई.

आखिर ऐसा क्यों है कि हर लड़की चाहे वह शहर की हो या कसबे की या फिर महानगर की अपनी पूर्णता एक साथी के साथ ही ढूंढ़ती है? इस के पीछे छिपी है वही पुरानी सोच कि लड़की की जिम्मेदारी तब तक पूरी नहीं होती है जब तक उस का घर नहीं बसता है.

कसबों में तो आज भी बहुत सारी लड़कियां पढ़ाई ही विवाह करने के लिए करती हैं. वहीं महानगरों में नौकरी करना एक बेहतर जीवनसाथी और शादी के लिए जरूरी हो गया है.

यानी लड़कियों की जीवनयात्रा में पुरुष नामक जीव का बहुत महत्त्व है. उन के अधिकतर कार्यकलाप पुरुष मित्रों, प्रेमी या पति के इर्दगिर्द ही घूमते हैं और जैसे ही पुरुष नामक धुरी उन की जिंदगी से अलग हो जाती, उन का अस्तित्व गौण हो जाता है.

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