कई हिंदी फिल्मों के सुहागरात के दृश्यों में दिखाया गया है कि दुलहन बनी नायिका रात को दूध का गिलास ले कर कमरे में दाखिल होती है. रोमांटिक मूड में बैठा बैचेन नायक गटागट दूध पीता है और फिर कमरे की बत्ती बुझा कर नायिका को आगोश में ले कर बिस्तर पर लुढ़क जाता है. कुछ फिल्मों में प्रतीकात्मक रूप से दिखाया गया है कि सुहागरात मन रही है. तब दर्शक मान लेता था कि हो न हो सहवास से पहले दूध पीने से सैक्स पावर बढ़ती है. समाज में फैली यह धारणा एकदम बेवजह भी नहीं है.

समाज बदल गया तो धारणाएं भी बदलीं. लेकिन दूध की महत्ता कम नहीं हुई पर यह शादी के शुरुआती दिनों तक ही सिमटी है शादी के कुछ साल बाद लोग सैक्स पावर बढ़ाने के लिए क्या लेते हैं इस सवाल का एक जबाब इंटरनैट पर भी मौजूद है. एक कंपनी की वैबसाईट में एक महिला पहले अपना दुखड़ा रोते बता रही है कि शादी के 8 साल बाद पिछले कुछ दिनों से पति के ढीलेपैन के चलते उसे सैक्स में पहले सा मजा नहीं आ रहा था जिस के चलते वह उदास व दुखी रहने लगी थी और चिड़चिड़ी भी हो गई थी.

फिर एक दिन उसे फलां टैबलेट के बारे में पता चला कि इस के सेवन से सैक्स घंटों चलता है और दुर्लभ जड़ीबूटियों से बने होने के कारण इस का कोई साइड इफैक्ट भी नहीं है पोर्न फिल्मों वाले कलाकार भी इसे लेते हैं. इसे लेने के बाद लंबे समय तक सैक्स कर पाते हैं. उस ने बिना वक्त गवाए तुरंत ये गोलियां और्डर कर दीं. छठे दिन कूरियर से कैश औन डिलिवरी पर आ गईं. उसी रात उस ने पति को यह खिला भी दी.

बस उस रात से उस विज्ञापनीय महिला की जिंदगी बदल गई. अब वह बहुत खुश है क्योंकि पति की शीघ्रपतन, अरुचि और कमजोरी जैसी कमियां इस गोली के सेवन से दूर हो गई हैं. उस का सैक्स ड्राइव न्यूट्रल से टौप गियर में आ गया है. इसे देख लगता ऐसा है कि सड़क छाप खानदानी नीमहकीम और कंपनियां स्क्रीन पर अपना धंधा चला रही हैं क्योंकि दौर डिजिटल है और इस के बिना आप नमक भी नहीं बेच सकते.

उक्त महिला अपने दुखड़े में यह तक कहते देखीसुनी जा सकती है कि विभिन्न उत्तेजक क्रियाओं से बात नहीं बनी तो उस ने पति को वियाग्रा तक खिलाई, लेकिन उस का भी कोई खास असर नहीं हुआ.

पत्नियां करें पहल

ऐसे लोगों के लिए वियाग्रा वरदान है. विज्ञापनीय महिला की तरह आम पत्नियां पतियों के ढीलेपन को ले कर इस हद तक चिंतित और दुखी नहीं हैं और न ही उन्हें होना चाहिए कि नीमहकीमी करने लगें क्योंकि इस के नुकसान आए दिन गुल खिलाते रहते हैं. पत्नियों को चाहिए कि वे पति को वियाग्रा दें क्योंकि यह सुरक्षित है बशर्ते इसे कुछ सावधानियों के साथ लिया जाए तो अच्छी बात यह भी है कि इस की लत नहीं पड़ती. अधिकतर पतियों का आत्मविश्वास 1-2 बार में लौट आता है.

भोपाल के पौश इलाके शाहपुरा की मनीषा मार्केट के एक कैमिस्ट अनिल लालवानी बताते हैं कि दौर जागरूकता का है. कई युवतियां अपने बौयफ्रैंड के लिए वियाग्रा खरीदती हैं, लेकिन महिलाओं की तादाद न के बराबर है. हां 30 पार के पुरुष जरूर वियाग्रा निस्संकोच ले जाते हैं. मुमकिन है उन की पत्नियों की सहमति इस में रहती हो. वैसे यह भी सच है कि दवाओं के

75 फीसदी कस्टमर पुरुष ही होते हैं. अनिल इस बात में सहमति दिखाते हैं कि अगर जरूरत महसूस हो तो पत्नियों को वियाग्रा खरीदने में हिचकना नहीं चाहिए.

अनिल की बात की पुष्टि करते और उसे विस्तार देते हुए सरकारी कालेज की एक अधेड़ उम्र की प्रोफैसर कहती हैं कि आमतौर पर भारतीय पत्नियां पति की सैक्स कमजोरियों से समझौता कर लेती हैं. उन्हें डर रहता है कि शिकायत करने या कहने पर पति इसे अन्यथा लेगा और हर्ट भी हो सकता है. अगर वह बुरा मान गया और एक सामान्य सी बात को उस ने आरोप समझा तो जिंदगी और गृहस्थी पर इस का बुरा असर पड़ेगा. एक पति हजार तरीकों से पत्नी को परेशान करने के अधिकार रखता है वैसे भी एक उम्र के बाद महिलाएं तमाम दूसरी परेशानियों के साथसाथ पति की सैक्स कमजोरी से भी समझौता कर लेती हैं और जो मिल जाता है उसी से संतुष्ट रहती हैं.

राइट औफ क्वालिटी सैक्स

मगर यह गलत नहीं तो सही भी नहीं है. ये प्रोफैसर आगे कहती हैं कि अच्छी गुणवत्ता बाला सैक्स किसी भी पत्नी का हक है और यह अगर वियाग्रा से मिले तो हरज क्या? सैक्स लाइफ में बोझिलता 40 के बाद आनी शुरू हो जाती है. इस में हैरानी की बात यह होती है कि कमी पतिपत्नी दोनों में ही नहीं रहती. दफ्तर और घर के काम का बोझ, जिम्मेदारियां उलटासुलटा खानपान, व्यायाम न करना आदि शरीर को पहले सा ऐक्टिव नहीं रहने देता फिर सैक्स के नाम पर क्या होगा, वही होगा जो इफरात से हो रहा है कि थोड़ी देर कोशिश की और जो भी बना कर के सो गए. न पहले सा रोमांस होता है न डायलोग होते, न फोर प्ले होता और न ही उसी अवस्था में लिपट कर दोनों सुबह तक सोते.

बात सच है क्योंकि एक उबाऊ सैक्स न केवल दिन बल्कि पूरी जिंदगी को नीरस बना देता है खासतौर से महिलाएं इस से ज्यादा प्रभावित होती हैं जो अर्ध को ही पूर्ण सुख मानने को मजबूर हो जाती हैं. लेकिन उन की खीज और अधूरापन. कोई नहीं समझ पाता कई बार तो वे खुद भी नहीं समझ पातीं कि वे बातबात में झल्ला क्यों रही हैं.

अधूरे सैक्स की वजह से झल्लाहट

यह झल्लाहट होती है अधूरे सैक्स की वजह से जिसे वे कोशिश करें तो नीना की तरह दूर कर सकती है. नीना पति अमन के ढीलेपन से आजिज आ गईं थीं. उन्होंने वियाग्रा के बारे में पढ़ासुना

था सो एक दिन हिम्मत कर कैमिस्ट से नीले रंग की 2 गोलियां खरीदे लाई. फिर पति को पूरे प्यार से बताया कि अब शादी के बाद वाले दिनों सा मजा नहीं आता, इसलिए आप के लिए वियाग्रा ले आई हूं. ट्राई कर के देखें. अमन उम्मीद के मुताबिक गुस्सा नहीं हुए बल्कि बोले कि मैं खुद कई दिनों से लाने का सोच रहा था पर लाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था. चल अब जब तू ले ही आई है तो आज सालों बाद सालों पहले सा लुत्फ उठाते हैं और फिर दोनों ने वही लुत्फ उठाया भी.

यानी जरूरी नहीं कि वियाग्रा लाने और खाने की बात पर पति वही प्रतिक्रिया दे जो पत्नियों के दिलोदिमाग में बैठी हो. मुमकिन है पति पत्नी की इस पहल का स्वागत करे और यह बात मन में ही दबा जाए कि मैं तो कब से इसे खाने की सोच रहा था कि देखें इस से कुछ होता है या नहीं.

उलट इस के न्यू कपल्स इस झंझट में नहीं पड़ते. 26 वर्षीय श्वेता अपने पति को हर शनिवार वियाग्रा देती क्योंकि यह वीकैंड उन का सैक्स डे होता है. श्वेता ने वियाग्रा से संबंधित सारा लिटरेचर पढ़ रखा है और पति अपूर्व को भी पढ़ा रखा है. अभी तक इन दोनों को कोई परेशानी नहीं आई है.

सावधानी भी है जरूरी

अगर सावधानियों के साथ पति को वियाग्रा ला कर दी जाए तो ध्यान बस इतना रखना पड़ता है कि उस की सेहत का नुकसान न हो. अगर पति को शुगर हो, दिल की बीमारी हो, ब्लड प्रैशर रहता हो तो वियाग्रा डाक्टर से लाह कर खानी चाहिए. इस की 1 गोली पुरुष के प्राइवेट पार्ट में रक्तसंचार बढ़ा देती है जिस से वह इरेक्टाइल डिसफंक्शन से बच जाता है. उस का आत्मविश्वास वापस आ जाता है और फिर यह जरूरी नहीं कि वह हर बार इसे ले. कुछ जिम्मेदारी पत्नियों की भी बनती है कि वे पति के जोश को ठंडा न पड़ने दें जैसे पति के कपड़ों, सेहत और दूसरी चीजों का ध्यान रखती हैं वैसे ही पति के सैक्स का भी ध्यान रखें.

ऐसा होना निहायत मुमकिन है कि पत्नी पति के लिए वियाग्रा खरीद कर लाए. इस प्रतिनिधि ने 4 महिलाओं से यह सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि हां वे पति को वियाग्रा ला सकती हैं लेकिन पति से चर्चा के बाद. अगर पति एतराज जताएगा तो यह आइडिया वहीं ड्रौप हो जाएगा. लेकिन चोरीछिपे भी वियाग्रा दी जा सकती है. यह कोई हरज की बात नहीं. पति समझाने को तैयार हो जाए तो बात बहारों के लौटने जैसी होगी और लगेगा भी कि हम जिंदगी के एक बड़े सुख को पूरे मन से ऐंजौय कर रहे हैं.

छाई रहेगी एक खुमारी

आखिर में एक या कई उन जैसी पत्नियों की बात जिन्हें मालूम है कि सहवास से पहले पति वियाग्रा लेता है और कई बार तो उन्हें इस की खूबियां गिनाते लेता है, लेकिन वह सावधानियों का भी पालन करता है. ऐसे पतियों पर पत्नियां बलिहारी जाती हैं क्योंकि कोई रिस्क इस में नहीं हैं. मगर इश्क सौ फीसदी है. तो देर और झिझक किस बात की जाइए अनिल जैसे किसी कैमिस्ट के पास और ले आइए 2 गोलियां वियाग्रा की, फिर पति से अन्तरंग क्षणों में इसे खाने को कहिए और आनंद लीजिए. दूध वाली रात को याद करते गिलास के साथ प्लेट में एक गोली वियाग्रा की रखिए और आधा घंटे बाद बत्तियां बुझा दीजिए. अगली सुबह आप का जिस्म मीठे दर्द के साथ मुसकरा रहा होगा, होंठ पहले की तरह थरथरा रहे होंगे, आंखें मुंद रही होंगी. शरीर में एक अजीब सी खुमारी होगी.

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