28 साल की पढ़ीलिखी सीमा एक शादीशुदा महिला है। उस की शादी को करीब 6 महीने हुए हैं. लेकिन अकसर बातों ही बातों में वह कह देती है, “मैं अपने घर से भाग जाना चाहती हू, मुझे यहां नहीं रहना है. ऐसा लगता है, जैसे किसी कैद में हूं. यहां से निकल जाना चाहती हूं. ये लोग मुझे नौकरी नहीं करने दे रहे हैं. हर वक्त सिर्फ घर का काम करकर मैं थक गई हूं. कुछ समझ नहीं आ रहा मैं क्या करूं," कहते हुए वह रोने लगी. उस ने खानापीना कम कर दिया था। उस की हैल्थ, उस का शरीर कमजोर हो गया था, जिसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता था कि वह डिप्रैशन का शिकार हो रही थी.

अकसर भारतीय महिलाएं शादी के बाद इस तनावपूर्ण स्थिती का सामना करती हैं. इसे पोस्ट वैडिंग डिप्रैशन कहते हैं.

क्या है यह

पोस्ट वैडिंग डिप्रैशन शादी के बाद डिप्रैशन या तनाव की भावना है. पोस्ट वैडिंग डिप्रैशन से गुजरने वाले लोग अकसर इस के बारे में नहीं जानते. डिप्रैशन पति या पत्नी किसी को भी हो सकता है.

जो लोग शादी के बाद डिप्रैशन का शिकार हो जाते हैं, उन के शारीरिक स्वास्थ्य पर भी इस का बुरा असर
पड़ता है.

शादी किसी भी व्यक्ति के जीवन का सब से रोमांचक क्षण होता है, जो जिंदगी को पूरी तरह बदल देता है. शादी करने के बाद कई तरह की बंदिशें और उस के अस्तित्व की लड़ाई महिलाओं को डिप्रैशन
का शिकार बना देती है. इस से उन की इमोशनल और मैंटल हैल्थ पर बुरा असर पड़ता है.

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