ऑफिस के गेट पर सफेद रंग की कैब रुकी और उस में से क्रीम कलर की खूबसूरत ड्रेस और हाई हील्स पहने प्राप्ति उतरी तो आसपास खड़े लोगों की निगाहें बरबस ही उस की तरफ खिंच गई. ऑफिस के दरबान ने भी बड़ी इज्जत से उसे सलाम ठोका. अपने स्टाइलिश बैग को कंधे से लटकाए  हुए प्राप्ति अदा से मुस्कुराई और अंदर चली आई.

शाहदरा में रहने वाली प्राप्ति का ऑफिस झंडेवालान में है. वह पुलबंगश तक मेट्रो से आती है और फिर वहां से कैब कर लेती है. लौटते समय भी वह पुलबंगश तक कैब से जा कर फिर मेट्रो लेती है. इतनी कम दूरी के लिए कैब में मुश्किल से 50 से 70 तक का किराया लगता है. मगर ऑफिस वालों को लगता है कि देखो लड़की कैब में आनाजाना करती है यानी काफी पैसे वाली है. बहुत अच्छे घर की है.

एक तरह से देखा जाए तो प्राप्ति  ने  इस तरह ऑफिस में अपनी छद्म इज्जत कायम की है और इस के लिए उस ने और भी कई तरीके अपनाए हैं मसलन;

घर में भले ही वह  पूरा दिन फटी जींस और पतली सी टीशर्ट पहन कर गुजार देती हो, मगर जब ऑफिस के लिए निकलती है तो हमेशा लेटेस्ट स्टाइल के ब्रांडेड कपड़े पहनती है.

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उस के टिफिन में हमेशा पनीर, मशरूम जैसी महंगी सब्जियां और चिकन वगैरह होता है. घर में भले ही सूखी रोटियां खाती हो, मगर टिफिन में हमेशा परांठे होते हैं.

उस के पेन से ले कर पर्स, मोबाइल और मोबाइल कवर तक सभी लेटेस्ट ब्रांड और स्टाइल के होते हैं. घर में भले ही वह फटी चप्पल में सारा दिन निकाल दे मगर ऑफिस या बाहर आनेजाने के लिए उस ने 2 -3 हाई हील्स और स्टाइलिश सैंडल्स रखे हुए हैं.

वह फोन या दूसरों से आमने सामने होने पर हमेशा हाईफाई लाइफस्टाइल की बातें करती है. घर में भले ही कभी भी उस ने बाई नहीं रखी मगर सहेलियों से हमेशा अपनी कामवालियों के नखरों और उन के  प्रति अपनी दिलदारी की बातें करती है.

हमेशा अपने बड़े से घर का बखान करती रहती है जब कि उस के पास छोटेछोटे दो कमरों का फ्लैट है.

वह हमेशा दूसरों के आगे अपनी प्रॉपर्टीज और हाईफाई लाइफ़स्टाइल का जिक्र करती रहती है. उस ने अपने ऑफिस कुलीग्स और अपनी सहेलियों को बताया हुआ है कि उस के घर में एक बड़ा सा स्वीमिंग पूल और जिम भी है. जहाँ वह रोज स्वीमिंग और वर्कआउट का अभ्यास करती है जब कि सच्चाई यह है कि उस के पास पर्सनल स्वीमिंग पूल या जिम नहीं है. वह कॉमन जिम और स्वीमिंग पूल का इस्तेमाल करती है.

वह दूसरों के आगे कभी भी फलसब्जियां या कपड़े खरीदते वक्त कीमत को ले कर चिकचिक नहीं करती. घर में भले ही वह आसपास के सब्जीवालों के बीच पैसों के मामले में खडूस के रूप में बदनाम है.

उस ने अपने रिश्तेदारों के बारे में ऑफिस कूलीग्स से बढ़चढ़ कर बताया हुआ है. अक्सर वह उन के आगे जताती रहती है कि उस के रिश्तेदार बहुत पढ़ेलिखे और ऊँचे ओहदों पर आसीन है

इन बातों का नतीजा यह निकला कि ऑफिस में लोग उस की इज्जत करते हैं. उस से अच्छे संबंध बनाए रखने का प्रयास करते हैं. पूरे ऑफिस में उस की अलग धाक बन चुकी है और वह सब की चहेती है.

प्राप्ति ने जिस तरह से अपनी इज्जत बनाई है उस में कोई बुराई नहीं है. सुनने में भले ही कुछ अजीब लगे  मगर हम सब कहीं न कहीं अपनी छद्म इज्जत बनाते फिरते हैं. भले ही सोशल मीडिया हो, फैमिली गेदरिंग हो, ऑफिस इवेंट हो या फिर सोसायटी फंक्शन.

हर कोई दूसरों के आगे अपनी बेहतर छवि दिखाने का प्रयास करता है. तस्वीरें खिंचवाते समय हम कितने ही टेंशन में क्यों न हो पर हमेशा अपनी मुस्कुराती हुई तस्वीर ही खिंचवाते हैं. कोशिश करते हैं कि हमारी  बाहर निकली हुई बेडौल टमी किसी भी तरह छुप जाए. हमारी जुल्फें ज्यादा बाउंसी दिखे. चेहरे की रंगत बेहतर बनाने के लिए फिल्टर्स  का सहारा लेते हैं. अच्छे से अच्छे कपड़ों में तस्वीरें खिंचवाकर उसे फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर डालते हैं.

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सोशल मीडिया पर हम वैसी ही चीज़ें डालते हैं जिस से लोग हम से  प्रभावित और आकर्षित हों. हमारे अधिक से अधिक दोस्त बनें. यही वजह है कि  हम अपनी सफलता, खूबसूरती और सम्पन्नता का प्रचार करते नहीं थकते. इन सभी प्रयासों के पीछे एकमात्र जो चाह होती है  वह है दूसरों  की नजरों में ऊँचा उठने की ख्वाहिश.

अपनी चीजें बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की आदत हमें बचपन से ही लग चुकी होती है और इस में कुछ गलत भी नहीं. दूसरों के आगे अपनी कमियां दिखा कर रोने से कोई नतीजा नहीं निकलता. उल्टे लोग आप से कतराने लगते हैं. तो फिर क्यों न खुद को बेहतर दिखा कर अपने अंदर का आत्मविश्वास बढ़ाएं और चेहरे पर खुशनुमा रौनक जगाएं. दोस्तों की फेहरिस्त बढ़ाएं और जी भर कर जीएं.

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