अपने वैवाहिक जीवन से असंतुष्ट हो कर तलाक ले लेना बेशक उस समय किसी बंधन से मुक्त होना लगे, पर उस के बाद जीवन आसान हो जाएगा या जीवन में फिर से खुशियां लौट आएंगी, ऐसा सोचना भी एक भूल ही है. इसलिए डाइवोर्स लेने का निर्णय लेने से पहले उस के बाद पैदा होने वाली स्थितियों पर विचार करना निहायत आवश्यक है.
अगर आप डाइवोर्स लेने के बारे में सोच रही हैं, तो यह तो तय है कि आप के और आप के साथी के बीच कुछ गलत हुआ है या फिर छोटीछोटी बातें इतनी बड़ी हो गई हैं कि आप को लगने लगा है कि अब साथ रहना मुमकिन नहीं. ये बातें विचारों के बीच टकराव उत्पन्न होने से ले कर विवाहेतर संबंधों तक से जुड़ी हो सकती हैं या फिर बच्चों की परवरिश या आर्थिक परेशानियों से उपजी भी हो सकती हैं. यानी ये छोटेछोटे झगड़े समय के साथ न सिर्फ युगल के बीच फासला बढ़ाते जाते हैं वरन उन्हें अलग हो जाने के लिए भी मजबूर कर देते हैं.
एडजस्ट न कर पाने या मानसिक तौर पर डिस्टर्ब फील करने के कारण अलग हो जाना बेशक एक आसान रास्ता लगे, पर उस के लिए जिन कानूनी, सामाजिक और भावनात्मक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वे भी कम दुखदायी नहीं होती हैं. अगर युगल शादी को यातना मानते हैं, तो उस से छुटकारा पाने के लिए भी कम यातनाएं नहीं सहनी पड़तीं.
मूल्यांकन करें
डाइवोर्स लेने से पहले ये सोचें कि वे कौन सी बातें हैं जो आप को परेशान कर रही हैं. हो सकता है उन्हें सुधारा जा सके. फिर यह निश्चित करें कि क्या वास्तव में आप उन में बदलाव लाना चाहती हैं? अपने विवाह के साथसाथ आप को अपना भी मूल्यांकन करना होगा कि क्या आप इस विवाह को बचाना चाहती हैं? डाइवोर्स की ओर कदम बढ़ाने से पहले खुद से यह अवश्य पूछें कि क्या जो असंतुष्टि की भावना आप के अंदर पल रही है वह कुछ समय के लिए है, जो समय के साथ दूर हो जाएगी? तलाक देने के बाद क्या आप फिर से एक नए संबंध में जुड़ने को तैयार हैं? आप के बच्चे पर इस का क्या असर पड़ेगा और क्या वह इस निर्णय में आप के साथ है?
कुछ लोग इसलिए अलग होते हैं, क्योंकि वे बहुत जल्दी शादी के बंधन में बंध गए थे और बाद में उन्हें एहसास हुआ कि वे एकदूसरे के लिए बने ही नहीं हैं. कुछ दशकों तक साथ रहते हैं और बच्चों के सैटल हो जाने के बाद उन्हें लगता है कि अब साथ रहना कोई मजबूरी नहीं है और वे अलग हो जाते हैं.
सबसे अहम कारण होता है साथी को धोखा देना. कुछ युगलों को लगता है कि अब उन के बीच प्यार नहीं रहा है. पैसे और विचारों में मतभेद होने की वजह से हमेशा झगड़ते रहते हैं. कुछ युगलों को लगता है कि उन्हें जीवन से कुछ और चाहिए. वे अब रिश्ते के साथ और समझौता नहीं कर सकते हैं.
सीनियर क्लीनिकल साइकोलौजिस्ट डा. भावना बर्मी के अनुसार, ‘‘तलाक की बढ़ती दर का मुख्य कारण है प्रोफैशनल स्तर पर औरत और पुरुष दोनों की लगातार बढ़ती महत्त्वाकांक्षाएं, जिन की वजह से उन की प्राथमिकताएं परिवार व संबंधों से हट कर कैरियर पर टिक गई हैं. आपस में बात करने तक का भी उन के पास टाइम नहीं है. वे काम और परिवार के बीच संतुलन नहीं बैठा पा रहे हैं. दोनों की आर्थिक आजादी ने उन की एकदूसरे पर निर्भरता कम कर दी है. सहने की शक्ति कम हो जाना मैट्रो शहरों में बढ़ते तलाक की सब से बड़ी वजह है. तलाक लेते समय यह पता होना चाहिए कि उन की जिंदगी आपस में बंधी है और इस की टूटन दोनों को ही बिखराव की राह पर ला सकती है. सामाजिक अलगाव भी उत्पन्न होने की संभावना इस से बहुत बढ़ जाती है.’’
क्या आप बदलाव के लिए तैयार हैं
आप का डाइवोर्स लेने का कारण, साथ बीता समय, आप की संपत्ति, बच्चे सब चीजें आप के निर्णय के लिए माने रखती हैं. लेकिन सब से अहम है यह समझना कि आप उसे किस तरह हैंडल करेंगी. इस की वजह से जिंदगी में होने वाले बदलावों का सामना करने को क्या आप तैयार हैं? डाइवोर्स जीवन का एक महत्त्वपूर्ण मोड़ होता है, जिस के बाद आने वाले बदलाव सुखदायी या दुखदायी दोनों ही हो सकते हैं. इसलिए सोचसमझ कर ही इस का फैसला लेना चाहिए. हो सकता है कि मैरिज काउंसलर से मिलने के बाद आप अपना इरादा छोड़ दें.
तलाक का अर्थ ही है बदलाव और यह समझ लें कि किसी भी तरह के बदलाव का सामना करना आसान नहीं होता है. कई बार मन पीछे की तरफ भी देखता है, क्योंकि नए ढंग से जिंदगी की शुरुआत करते समय जब दिक्कतें आती हैं, तो मन बीती जिंदगी को याद कर अपराधबोध से भी भर जाता है. आप को खुद पर भरोसा रखना होगा कि आप किसी भी तरह की मुश्किल का सामना कर लेंगी और आप का निर्णय सही था.
लिस्ट बनाएं
तलाक लेने के कारणों की एक लिस्ट बनाएं. अपने रिश्ते के अच्छे व बुरे दोनों पक्षों के बारे में लिखें. अपने पार्टनर को किसी विलेन के दर्जे में न रखें, क्योंकि कमियां तो आप में भी होंगी. डाइवोर्स लेने के बाद सफल व सुखद जीवन जीने के लिए सोच को पौजिटिव रखना निहायत जरूरी है. यह मान कर चलें कि दोनों की ही गलतियों की वजह से आज अलग हो जाने की नौबत आई है. इसलिए अपने क्रोध और दर्द से एक रचनात्मक ढंग से निबटें.
डाइवोर्स के बाद आप को एक सपोर्ट सिस्टम की जरूरत पड़ेगी, जिस के कंधे पर सिर रख कर आप रो सकें. अपने मित्रों व रिश्तेदारों से सपोर्ट लेने से हिचकिचाएं नहीं. अगर आवश्यकता महसूस करें तो थेरैपिस्ट के पास जाएं और अपने इमोशंस शेयर करें ताकि आप को स्ट्रैस न हो.
सोच व्यावहारिक रखें
तलाक के बाद सब से बड़ी समस्या फाइनैंस की आती है. अगर आप कमाती हैं, तो भी पैसे से जुड़ी दिक्कतें बनी रहती हैं. अध्ययनों से यह बात सामने आई हैं कि जो औरतें डाइवोर्स की पीड़ा सहती हैं, उन के जीवनस्तर में 30% गिरावट आ जाती है और पुरुषों के जीवनस्तर में 10%. चाहे औरत इस अलगाव के लिए कितना भी तैयार क्यों न हो, वह आर्थिक स्तर पर अपने को अक्षम ही महसूस करती है.
बेहतर होगा कि अपनी भावनाओं के बस में हो कर डाइवोर्स लेने के बजाय एक व्यावहारिक सोच रखते हुए यह कदम उठाएं. इस से होने वाले लाभ से ज्यादा हानि पर गौर करें. अगर आप आत्मनिर्भर नहीं है तो जाहिर है कि बाद में आप को किसी और पर निर्भर होना पड़ेगा और इस तरह आप के आत्मसम्मान को चोट पहुंचेगी.
डाइवोर्स का बच्चों पर गहरा असर पड़ता है, क्योंकि उन के लिए तो मातापिता दोनों ही महत्त्वपूर्ण होते हैं. अलगाव से उन के विश्वास को चोट पहुंचती है और कभीकभी तो वे भटक भी जाते हैं. अकेला अभिवक अपनी ही परेशानियों में ग्रस्त रहने के कारण उन पर सही ध्यान नहीं दे पाता.
कुछ प्रश्न खुद से पूछें
– क्या अपने साथी के प्रति अभी भी आप के मन में भावनाएं हैं? मगर ऐसा है तो एक बार रिश्ते को बचाने की कोशिश की जा सकती है.
– क्या आप इसलिए साथ रह रहे हैं, क्योंकि समाज का दबाव है वरना हर समय झगड़ते ही रहते हैं?
– आप क्या सचमुच तलाक चाहती हैं या सिर्फ यह धमकी है? केवल क्रोध प्रकट करने या इस तरह साथी को इमोशनली ब्लैकमेल करने के लिए ही तो आप यह कदम उठाना चाहतीं. इस तरह संबंध और बिगड़ेंगे ही.
– क्या आप शारीरिक, मानसिक, आर्थिक व भावनात्मक रूप से इस के लिए तैयार हैं? क्या आप ने इस के नकारात्मक परिणामों के बारे में सोच लिया है? तलाक आप के साधनों में कमी कर सकता है, जिस से आप के कई सपने भी टूट सकते हैं.
– क्या आप के पास कोई सपोर्ट सिस्टम है? क्या आप बच्चों को समझा पाने व उन की तकलीफ दूर करने में सक्षम हैं?
– क्या आप कैरियर और अपनी निजी जिंदगी में बैलेंस कर पाएंगी?
डाइवोर्स लेने के बाद आप को नए अनुभवों, नए रिश्तों व चीजों को नए रूप में लेने के लिए अपने को तैयार करना होगा. अपने जीवन को पुन: गढ़ना होगा. अगर आप यह सोच कर बैठी हैं कि दूसरी शादी करने से आप की सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी, आप की समस्याओं का समाधान हो जाएगा तो इस भ्रम से बाहर निकलें, क्योंकि दूसरी शादी सफल हो, इस की क्या गारंटी है. जरूरी नहीं कि इस बार परफैक्ट साथी मिले.