भले ही सासबहू के रिश्ते को 36 का आंकड़ा कहा जाता है पर सच यह भी है कि एक खुशहाल परिवार का आधार कहीं न कहीं सासबहू के बीच अच्छे सामंजस्य और एकदूसरे को समझने की कला पर निर्भर करता है.

एक लड़की जब शादी कर के किसी घर की बहू बनती है तो उसे सब से पहले अपनी सास की हुक़ूमत का सामना करना पड़ता है. सास सालों से जिस घर को चला रही होती है उसे एकदम से बहू के हवाले नहीं कर पाती. वह चाहती है कि बहू उसे मान दे, उस के अनुसार चले.

ऐसे में बहू यदि कामकाजी हो तो उस के मन में यह सवाल उठ खड़ा होता है कि वह अपनी कमाई अपने पास रखे या सास के हाथों पर रख दे. वस्तुतः बात केवल सास के मान की नहीं होती बहू का मान भी मायने रखता है. इसलिए कोई भी फैसला लेने से पहले कुछ बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए.

बहू अपनी कमाई सास के हाथ पर कब रखे---

1. जब सास हो मजबूर

यदि सास अकेली हैं और ससुर जीवित नहीं तो ऐसे में एक बहू यदि अपनी कमाई सास को सौंपती है तो सास उस से अपनापन महसूस करने लगती है. पति के न होने की वजह से सास को ऐसे बहुत से खर्च रोकने पड़ते हैं जो जरूरी होने पर भी पैसे की तंगी की वजह से वह नहीं कर पातीं. बेटा भले ही अपने रुपए खर्च के लिए देता हो पर कुछ खर्चे ऐसे हो सकते हैं जिन के लिए बहू की कमाई की भी जरूरत पड़े. ऐसे में सास को कमाई दे कर बहू परिवार की शांति कायम रख सकती है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • 24 प्रिंट मैगजीन
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...