यदि आप होस्टल में रह कर पढ़ रही हैं तो आप की रूममेट भी अवश्य होगी. क्योंकि आमतौर पर एक रूम में 2 स्टूडैंट्स के रहने की व्यवस्था होती है. कुछ ही दिनों में आप की रूममेट आप की दोस्त बन जाती है और आप एकदूसरे से अपनी पर्सनल बातें भी शेयर करने लगती हैं. लेकिन जब आप की रूममेट बीमार हो जाए तो आप क्या करेंगी? क्या उसे अपने हाल पर छोड़ देंगी या फिर उस की देखभाल अपनी बहन की भांति कर अपना फर्ज निभाएंगी?

रूममेट से आप का खून का रिश्ता भले ही न हो और हो सकता है कि वह आप की जाति, धर्म की भी न हो, लेकिन जब एक छत के नीचे रहना मजबूरी हो, तो दोनों को एकदूसरे को स्वीकार करते हुए अपने सुखदुख साझा करने चाहिए.

प्राय: देखा गया है कि जब आप की रूममेट बीमार होती है तो आप उस की तीमारदारी करने के बजाय कोई न कोई बहाना बना कर कन्नी काट लेती हैं, जो ठीक नहीं है, क्योंकि कभी आप की तबीयत भी बिगड़ सकती है. ऐसे में वह भी आप के साथ ऐसा व्यवहार करे तो आप को कैसा लगेगा? सच्चा मित्र वही है जो बीमारी या विपत्ति के समय काम आए. अत: सुख के ही नहीं, दुख के भी साथी बनें.

यदि आप की रूममेट बीमार है और डाक्टर ने उसे आराम करने को कहा है तो इस का मतलब यह नहीं कि आप उसे देख नाकभौं सिकोड़ने लगें या यह आशंका पाल लें कि कहीं वह बीमारी आप को तो नहीं लग जाएगी?

जो बीमारी संक्रामक नहीं है, वह भला आप को कैसे लग सकती है? यदि संक्रामक हुई भी, तो सावधानी और सतर्कता बरतते हुए उसी कमरे में रहते हुए उस की सेवा कर सकती हैं. कम से कम समय पर दवा तो दे ही सकती हैं और उस के खानेपीने का इंतजाम कर सकती हैं. यदि रूममेट की बीमारी की वजह से आप को थोड़ा अधिक काम करना भी पड़े, तो करने में कोई बुराई नहीं है.

यदि आप की रूममेट अपनी किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या का जिक्र आप से करती है तो आप होस्टल की वार्डन या अधीक्षक को इस संबंध में बताएं. वे किसी योग्य डाक्टर को बुलवाएंगे या उसे अस्पताल तक पहुंचाएंगे. इस दौरान आप रूम पार्टनर के साथ रहें तथा उस का मनोबल बनाए रखें. इस के अलावा उस के परिजनों को भी इस की सूचना दें. यदि तबीयत ज्यादा खराब हो तो परिजनों को बुलवा लेना ही ठीक रहता है. फिर वे जहां चाहें उस का इलाज कराएं.

रूममेट के बीमार होने पर कोई भी दवा अपने मन से न दें. कई बार जो दवा आप को सूट करती है वही दूसरे को ऐलर्जी या रिऐक्शन कर सकती है इसेलिए डाक्टर की सलाह ले कर ही दवा दें.

जब आप को दिख रहा है कि रूममेट बीमार है फिर भी वह अपने हिस्से का काम कर रही है, तो आप को उसे रोकना चाहिए. बिना कहे उस की सहायता करें और उस पर एहसान न जताएं. खुद पहल कर उस की जरूरतें पूछें तथा उन्हें पूरा करने की कोशिश करें.

यदि आप और आप की रूममेट एक ही क्लास में पढ़ती हैं तो आप अपने नोट्स आदि उसे दें ताकि जितने समय वह कालेज नहीं जा पाई, उस की कुछ तो भरपाई हो सके.

बीमारी की अवस्था में बजट भी गड़बड़ा जाता है. हो सकता है कि उस के पास पैसे खत्म हो गए हों, ऐसे में अपने पैसों से इलाज करा देना ही इंसानियत है.   

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