आज जब महिलाएं पुरुषों के बराबर और कई बार उन से भी ज्यादा सैलरी ले रही हैं, तो यह उन का अधिकार बनता है कि वे अपने कमाए पैसों को अपनी इच्छानुसार खर्च करें.
मगर पुरुष हमेशा स्त्री पर शासन करता आया है और आज भी पत्नी पर अपना अधिकार सम झता है.
प्रोफैशनल कालेज में लैक्चरर इला चौधरी के फोन पर मैसेज आया कि उन के पति ने उन के जौइंट अकाउंट से क्व40 हजार निकाले हैं. उन का मूड खराब हो गया. वे झल्ला उठीं.
घर आ कर अपनेआप को बहुत रोकतेरोकते कुछ तीखी आवाज में बोल ही पड़ीं, ‘‘कालेज के फंक्शन के लिए मैं ने मौल में एक ड्रैस और मैचिंग सैंडल पसंद किए थे. मेरे अकाउंट में अब केवल क्व10 हजार बचे हैं और अभी पूरा महीना पड़ा है. क्या वह ड्रैस बिकने से बची रहेगी भला?’’
फिर क्या था. पति आदेश नाराज हो कर चीखने लगे, ‘‘न जाने अपने पैसों का कितना घमंड हो गया है. ड्रैसों और सैंडलों की भरमार है, लेकिन नहीं पौलिसी ऐक्सपायर हो जाती, इसलिए मैं ने पैसे निकाल लिए.’’
इला चौधरी कहने लगी, ‘‘मेरी सैलरी क्व60 हजार है. मु झे कालेज में अच्छी तरह ड्रैसअप हो कर जाना पड़ता है. लेकिन जैसे ही मैं कुछ नया खरीदना चाहती हूं, आप गुस्सा दिखा कर मु झे मेरे मन का नहीं करने देते.’’
पति ने बनाया बेवकूफ
एक बड़े स्टोर में मैनेजर के पद पर काम कर रहीं मृदुला अवस्थी कहती हैं, ‘‘हमारे अपने स्टोर के मैनेजर ने रकम में काफी हेरफेर किया. इसलिए उसे हटा दिया. पति परेशान थे. मैं घर पर खाली रहने के कारण दिनभर ऊबती थी, इसलिए मैं ने कहा कि मैं एमबीए हूं. यदि आप कहें तो स्टोर संभाल लूं. लेकिन मेरी शर्त है कि मैं पूरी सैलरी यानी उतनी ही जितनी मैनेजर लेता था लूंगी.’’
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