कहीं आप किसी और का गुस्सा किसी और पर तो नहीं उतारते? जानिए, इसके साइड इफैक्ट्स...
गुस्सा करना कोई अच्छी बात नहीं है. लेकिन कई बार परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि न चाहते हुए भी हम अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पाते. ऐसी स्थिति में अगर हमें गुस्से का घूंट पीना पड़े तो किस तरह अपने अंदर की कड़वाहट को निकाल सकते हैं. आइए, जानते हैं:
आज मीरा औफिस से घर आई तो उस का मूड कुछ उखड़ा हुआ था. जैसे ही वह घर आई तो उस के बेटे रोहन ने रोज की तरह पूछा कि मम्मी क्या मैं खेलने जाऊं? तब मीरा ने गुस्से में आ कर कहा कोई जरूरत नहीं है. चुपचाप बैठ कर अपना होमवर्क करो, जब देखो तब बस खेलनाखेलना की रट लगाए रहते हो वैगरहवैगरह.
तब रोहन अपनी मम्मी को गुस्से में देख कर चुप हो गया और सोचने लगा आज मम्मी को आखिर क्या हुआ? बिना बात मेरे ऊपर गुस्सा कर रही हैं. मैं ने तो कोई गलती भी नहीं की.
ऐसा ही कुछ यदि आप के घर भी होता है तो यह लेख आप के लिए ही है ताकि आप जान सकें कि बिना वजह अपना गुस्सा किसी और पर उतारना क्या ठीक है और इस का क्या असर पड़ता है?
किसी भी बात पर जब हमें बहुत तेज गुस्सा आ रहा होता है तब हम अपने मन की सारी भड़ास या गुस्सा उस इंसान पर निकाल देना चाहते हैं जिस के कारण हमारा मूड खराब हुआ होता है. लेकिन जब स्थिति हमारी पहुंच से बाहर होती है तो गुस्सा हमें अंदर ही अंदर परेशान करता रहता है.