दोस्तों व्हाट्सएप तो हम सभी use करते हैं या यूं कहे की ये हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया है. 2019 से फेसबुक हो या व्हाट्सएप, ये कंपनी अपने users के अनुभव को बढ़ाने के लिए लगातार इंपॉर्टेंट फीचर्स लॉन्च कर रही है.

व्हाट्सएप दुनिया भर में दो बिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ सबसे लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप में से एक है. व्हाट्सएप हमेशा एक ऐसा प्लेटफॉर्म रहा है, जो यूजर की जरूरतों को समझता है और समय के साथ अपने प्लेटफॉर्म को उन फीचर्स से अपडेट करता है जो उनके ऐप को आसान बनाते हैं.
लेकिन वॉट्सऐप (WhatsApp) के करोड़ों यूज़र्स की प्राइवेसी को लेकर एक बड़ा खतरा सामने आया है. सोशल मीडिया पर whatapp के फीचर को को लेकर कई आश्चर्यजनक खुलासे हुए है .

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इंडिपेंडेंट साइबर सिक्युरिटी रिसर्चर अतुल जयराम ने अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिए खुलासा किया है कि वॉट्सऐप का फीचर ‘Click to Chat’ यूज़र्स के फोन नंबर को खतरे में डाल रहा है, जिससे कोई भी गूगल के ज़रिए किसी भी यूज़र को सर्च कर सकता है. ‘Click to Chat’ फीचर की वजह से मोबाइल नंबर हैकिंग का खतरा भी मंडराने लगा है.. रिसर्चर ने साफ किया है कि इस बग की वजह से अमेरिका, यूके और भारत के साथ-साथ लगभग सभी देशों के यूजर्स प्रभावित हुए हैं. इस फीचर की वजह से 29,000 से 30,000 Whatsapp users के मोबाइल नंबर प्लेन टेक्स्ट फॉर्म में उपलब्ध है, जिसकी वजह से कोई भी इंटरनेट यूजर इसे इस्तेमाल कर सकते हैं.

क्या है WhatsApp का Click to Chat फीचर?

वॉट्सऐप का Click to Chat फीचर यूज़र्स को वेबसाइट पर विज़िटर्स के साथ चैटिंग करने का आसान ऑप्शन देता है. ये फीचर किसी क्विक रिस्पॉन्स (QR) कोड इमेज की मदद से काम करता है, या फिर किसी URL पर क्लिक करके चैटिंग की जा सकती है. इसके लिए विज़िटर्स को नंबर डायल करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है, और वह फोन नंबर का पूरा एक्सेस ले सकते हैं.

वॉट्सऐप ने इस बात को नकारा कहा- ‘खामी नहीं’

वॉट्सऐप स्वामित्व वाली कंपनी फेसबुक का कहना है कि यूजर्स का डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है और गूगल में वो ही नंबर नजर आ रहे हैं जो यूजर्स ने अपनी मर्जी से पब्लिश करने के लिए कहा है.
वॉट्सऐप का कहना है कि Click to Chat यूजर्स को दिया गया एक फीचर है और इसमें सिक्यॉरिटी या प्रिवेसी से जुड़ी खामी जैसा कुछ नहीं है. वॉट्सऐप की मानें तो उन्हीं यूजर्स के नंबर ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिन्होंने पब्लिक साइट्स पर चैटिंग के लिए यूजर्स को ऑप्शन दिया है.

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वहीं, रिसर्चर का कहना है कि यूजर्स को नहीं पता कि उनके नंबर गूगल सर्च में प्लेन टेक्स्ट की तरह दिख रहे हैं. इन नंबरों का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है और कई यूजर्स की प्रोफाइल फोटो की मदद से बाकी सोशल अकाउंट्स तक भी पहुंचा जा सकता है.

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