भारतीय समाज में शादी का बहुत महत्व है. माना जाता है कि एक बार शादी करने के बाद इसे जिंदगीभर निभाना पड़ता है, लेकिन आए दिन तलाक के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि कई देशों की तुलना में भारत में तलाक कम होते हैं. चाहे सेलिब्रिटी हो या आम कपल सभी में तलाक होने की कौमन बात है.

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तलाक के लिए कौन है दोषी ?

सोसाइटी में तलाक की जिम्मेदार सिर्फ औरत को ठहराया जाता है. हालांकि इस अलगाव की सहमति दोनों की होती है. कई बार सिर्फ पति दोषी होता है, ऐसे में भी समाज, घरपरिवार या रिश्तेदार से पत्नी को ही ताने सुनने को मिलते हैं कि ''उसके ही कारण घर टूटा है.'' लोगों की सोच यही होती है कि तलाक की वजह पत्नी होती है. कहा जाता है कि ''औरत का काम है घर संभालना, क्या मर्दों का काम नहीं है अपने घर को बर्बाद होने से बचाना?''

Sad pensive young girl thinking of relationships problems sitting on sofa with offended boyfriend conflicts in marriage

केवल औरत ही अपने घर को टूटने से क्यों बचाए, मर्द भी तो घर को संजो कर रख सकते हैं. शादी बराबरी का हक होता है, इसे संभालने की जिम्मदारी भी दोनों की होती है. हालांकि एक तरह से देखा जाए, तो ये पति की जिम्मेदारी बनती है कि वो अपनी पत्नी का हर कदम पर साथ दें और उनको किसी भी मामले कम न समझे. जब एक लड़की शादी कर के ससुराल आती है, तो उसके लिए सब अंजान होते हैं, सिर्फ वो पति को जानती है और वो उसके लाइफ का खास शख्स बनने लगता है. पति के कारण ही वह उस परिवार से जुड़ती है. कई बार ससुराल वालों की वजह से भी पतिपत्नी में तलाक होते हैं.

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