लेखिका - मंजुला अमिया गंगराड़े
कहते हैं, स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है. लौकडाउन के इस समय पार्लर, जिम, योगा क्लास जैसी कई एक्टिविटीज सैंटर्स कोरोना के चलते बंद हैं. स्कूल, कालेज और औफिस बंद हैं. अब घर में परिवार के सभी सदस्य उपस्थित हैं तो खानापीना भी खूब हो रहा है. बच्चों और पति को खुश करने के लिए तलीभुनी चीजों से ले कर फास्ट फूड तक गृहणियां घर में बना रही हैं. ऐसे में कुछ महिलाओं के लिए काम की अधिकता से थकान और तनाव का अनुभव भी होता है. तो जो महिलाएं अकेली हैं या जिन के घर में दो या तीन सदस्य ही हैं, उन को खाली वक्त काटना मुश्किल हो रहा है.
लौकडाउन पीरियड में महिलाएं अपने स्वास्थ्य और सौंदर्य का कैसे ध्यान रखें? फिजिकल और मेंटल फिटनेस को बनाए रखने के लिए क्या जरूरी उपाय करें? ऐसा क्या करें कि घर पर रहते हुए भी हम फिट और पौजिटिव फील करें.
इस समय फिजिकल और मेंटल हैल्थ को ठीक रखने के लिए देशविदेश में महिलाएं और लड़कियां क्या कर रही हैं, किस तरह घर और काम के बीच अपना सामंजस्य बनाए रख रही हैं, आइए हम भी उन के अनुभव जानें...
अर्चना बोंद्रिया, रायपुर
मैं एक सोशल वर्कर हूं. कई एनजीओ से भी मैं जुड़ी हुई हूं. अपने अनुभव से मैं ने जाना कि इस समय पूरी कम्यूनिटी को अपने स्वास्थ्य के साथसाथ अपनेआप को पौजिटिव एनर्जी से भरपूर रखना बहुत जरूरी हैं.
मैं अपने साथियों से फोन पर बात कर के उन का हौसला बढ़ाती हूं. तनाव के इस माहौल को हलका बनाने के लिए कुछ हंसीमजाक, मनोरंजक खेल, पहेली जैसे खेल मोबाइल पर खेलने के लिए उन्हें उत्साहित करती हूं. इस के लिए बहुत जरूरी है कि मैं स्वयं सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर और खुश रहूं.