‘मदरहुड अपनेआप में एक फुलटाइम जौब है,’ ऐसा कहते हुए 42 साल की स्वाति मेहता चाय का कप उठाती है और एक घूंट चाय पी कर लंबी सास लेती है. स्वाति अपनी लाइफ का एक्सपीरियंस बताते हुए कहती है, ‘‘जब मेरा पहला बेबी हुआ तो मैं महज 25 साल की थी और एक यूएस बेस्ड कंपनी में ऊंची पोस्ट पर कार्यरत थी. उस समय मैं सम  झ नहीं पा रही थी कि बच्चे की परवरिश पर ध्यान दूं या अपना कैरियर देखूं. उस वक्त मेरा कैरियर पीक पर था. ऐसे में मैं अपनी जौब तो छोड़ नहीं सकती थी और न ही छोड़ना चाहती थी.

‘‘एक महिला के लिए फाइनैंशियल इंडिपैंडैंट होना कितना जरूरी है, यह मैं अच्छी तरह जानती थी, इसलिए मैं ने वर्क और मदरहुड दोनों की जिम्मेदारी ली. हालांकि मेरे लिए यह चैलेंजिंग था लेकिन फिर भी मैं ने यही चुना.’’

तभी वहां स्वाति बेटी पिंक कलर का कोट सैट पहने हुए आई है और उसे हग कर के सोफे के हत्थे पर बैठ गई. स्वाति उस के बारे में बताते हुए कहती है, ‘‘मेरी बेटी सारा 16 साल की है. यह 11वीं क्लास में पढ़ती है और इसे स्कैचिंग और पेंटिंग का बहुत शौक है. इंस्ट्राग्राम पर इस के 22 हजार फौलोअर्स और यूट्यूब पर 18 हजार सब्सक्राइबर हैं. भविष्य में यह जो बनना चाहती है, बन सकती है, मेरी अपनी बच्ची को फुल सपोर्ट है.’’

यह सुनते ही उन की बेटी उन्हें, ‘‘आप दुनिया की बैस्ट मौम हैं. आई लव यू मौम,’’ कहते हुए गालों पर किस कर देती है.

चुनौती से कम नहीं

स्वाति ने बिलकुल ठीक कहा मदरहुड अपनेआप में एक फुलटाइम जौब है. इसे एकसाथ मैनेज करना आसान नहीं है. लेकिन बदलते समय के साथ महिलाएं कैरियर औरिएंटल होती जा रही हैं और यह सही भी है. अपने पैरों पर खड़ा होना और अपनी पहचान को बनाए रखना हर महिला के लिए बेहद जरूरी है.

कभीकभी आप को मां और वर्किंग वूमन दोनों ही भूमिकाओं के बीच तालमेल बैठाना, कभी न खत्म होने वाली चुनौती की तरह महसूस होने लगेगा लेकिन आप घबराएं नहीं- आज हम आप जैसी वर्किंग वूमन जो मदर भी है, कैसे अपने औफिस और बच्चों को मैनेज करे यह बताने वाले हैं.

तो आइए, जानते हैं कुछ उपाय जो आप की लाइफ को बना सकते हैं आसान:

बेबी सिटर से मिलाएं हाथ

अगर आप का बच्चा छोटा है और आप वर्किंग वूमन हैं तो आप बच्चे के लिए बेबी सिटर अपौइंट कर सकती हैं. आप बेबी सिटर को किसी ऐजेंसी या ऐप से भी अपौइंट कर सकती हैं. इस का फायदा यह होता है कि इन ऐजेंसी और ऐप से आनी वाली बेबी सिटर का पहले से ही रजिस्ट्रेशन हो रखा होता है. बेबी सिटर अपौइंट के बाद आप अपना काम आसानी से कर सकती हैं.

घर में लगवाएं कैमरे

अगर आप काम के सिलसिले में ज्यादातर घर के बाहर रहती हैं और इस दौरान आप का बच्चा घर पर अकेला रहता है तो आप सिक्युरिटी के लिए अपने घर में कैमरा जरूर लगवाएं, साथ ही इस कैमरे का ऐक्सैस आप और आप के हसबैंड दोनों के मोबाइल पर मौजूद हो. इस से आप अपने बच्चे की हरकतों पर नजर रख पाएंगी और जरूरत होने पर उस की मदद भी कर पाएंगी.

बच्चों का रूटीन तैयार करें

अपने बच्चों के लिए एक रूटीन सैट करें. इस रूटीन के तहत उन के खाने, पढ़ने, खेलने और सोने सब का समय तय करें. इस के अलावा उन के सभी सामान को भी सहेज कर रखें ताकि उन्हें आप के बिना उसे खोजने में दिक्कत न हो. साथ ही बड़े होते अपने बच्चे को भी यह सिखाएं.

फोन कर के खैरखबर लेती रहें

आप अपने औफिस से ही बच्चों का भी ध्यान रख सकती हैं. इस के लिए आप लंच और टी, कौफी ब्रेक के टाइम अपने बच्चों को फोन कर के उन की खैरखबर ले सकती हैं. आप ऐसा करने के लिए पार्टनर को भी कहें, आखिर पेरैंटिंग हसबैंडवाइफ दोनों की जिम्मेदारी है. साथ ही अगर आप के बच्चों के पास मोबाइल है तो उन्हें हमेशा लोकेशन औन रखने को कहें ताकि जरूरत पड़ने पर आप उन की मदद कर सकें.

छुट्टी के दिन साथ बिताएं समय

अपने बिजी शैड्यूल में से जब भी आप को समय मिले, इसे अपने बच्चों के साथ जरूर बिताएं. इस के अलावा जब भी आप की छुट्टी हो तो कोशिश करें कि इस दौरान उन्हें फैमिली टाइम दें. इस दौरान आप उन के साथ खाना खा सकती हैं, खेल सकती हैं या कहीं घूमने भी जा सकती हैं या आप चाहें तो साथ शौपिंग भी कर सकती हैं. इस के अलावा जब भी आप को समय मिले अपने बच्चों के मन की बात जरूर जानें.

मेड रखें

औफिस से आने के बाद अगर आप घर के कामों में लगी रहेंगी तो बच्चे के लिए समय नहीं निकाल पाएंगी. ऐसे में बेहतर होगा कि आप घरेलू कामों के लिए मेड रखें. इस से आप औफिस जाने से पहले के समय और आने के बाद के समय को बच्चे के साथ अच्छे से बिता सकती हैं.

पार्टनर से लें हैल्प

बच्चे की जिम्मेदारी सिर्फ आप अकेली को नहीं है. बच्चे को संभालने के लिए अपने पार्टनर से हैल्प लें. कभी पार्टनर को बच्चों को पढ़ाने के लिए कह दें तो कभी उन का टिफिन तैयार करने में हैल्प लें. कभीकभी वे पेरैंट्सटीचर मीटिंग में चले जाएं. जब आप बेबी को फीड कर रही हों या किचन में बिजी हों और औफिस से मेल आ जाए या क्लाइंट प्रोजैक्ट को तैयार करना हो तो ऐसे में आप अपने हसबैंड की हैल्प लें. इस में किसी तरह का संकोच न करें कि घर के दूसरे सदस्य या पड़ोसी क्या सोचेंगे.

ब्रैस्ट मिल्क करें स्टोर

मां होने के नाते आप की जिम्मेदारी बनती है कि आप अपने बच्चे को सही समय पर खाना दें. लेकिन आप एक वर्किंग वूमन भी है ऐसे में नई मां बनने पर आप हर वक्त अपने बच्चे के लिए उपलब्ध नहीं हो सकतीं. ऐसे में आप अपने ब्रेस्ट मिल्क को स्टोनर कर के रख सकती हैं. शिशु के भूख लगने पर घर का कोई अन्य सदस्य शिशु को उसे पिला सकता है.

रजिस्टर्ड डे केयर सैंटर की मदद लें

अगर औफिस का काम बहुत ज्यादा है या किसी काम से बाहर जाना पड़ रहा है और बच्चे को साथ में ले कर नहीं जा सकती हैं तो अपने इलाके के रजिस्टर्ड डे केयर सैंटर की हैल्प लें. वहां मौजूद स्टाफ को बच्चों की देखभाल के लिए ट्रेंड किया जाता है और सभी कर्मचारियों का निजी रिकौर्ड नजदीकी पुलिस स्टेशन में मौजूद रहता है. हां रजिस्टर्ड डे केयर सैंटर में बच्चे को सौंपने से पहले बच्चे की देखभाल करने वाले कर्मचारी का रिकौर्ड भी जरूर चैक कर लें.

न बोलना सीखें

पेरैंटिंग की जिम्मेदारी सिर्फ मां की ही नहीं होती. पिता की भी इस में उतनी ही भूमिका होती है जितनी मां की. आप हर चीज की जिम्मेदारी खुद पर लेने से सब से अच्छी मां बन जाएंगी, ऐसा सोचने से बचें, हो सकता है कि इस से चीजें  बेहतर होने के बजाय खराब हो जाएं. इसलिए जहां जरूरत हो, वहां न बोलना सीखें.

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