शानदार महलों, दुर्ग और मंदिरों के लिए विख्यात रंगीलो राजस्थान के दूसरे बड़े शहर जोधपुर की बात ही निराली है. पूरे शहर में बिखरे वैभवशाली महल, जो न सिर्फ यहां के ऐतिहासिक गौरव को जीवंत करते हैं, बल्कि यहां की हस्तकलाएं, लोक-नृत्य, पहनावे और संगीत शहर की समां को रंगीनियत से भर देते हैं...
जोधपुर के आसपास
जोधपुर से करीब 25 किमी. की दूरी पर गुडा बिश्नोई गांव वाइल्डलाइफ और प्रकृति की सुंदर छटा निहारने के लिए बेहतरीन स्थान है. ओसियन जोधपुर से लगभग 65 किमी.की दूरी पर स्थित एक प्राचीन शहर है. यह जैन शैली के मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. यहां ऊंट की सवारी कर सकते हैं.
इसके अलावा, मछिया सफारी पार्क, कायलाना लेक भी दर्शनीय स्थल हैं. पाली में सोमनाथ और नौलखा मंदिर शिल्पकला के लिए मशहूर हैं. उर्स के दौरान मीर मस्तान की दरगाह मुख्य आकर्षण होता है.
जोधपुर शहर फोर्ट, पैलेस और मंदिरों के लिए दुनियाभर में मशहूर है, लेकिन एडवेंचर स्पोट्र्स और खाने-पीने के शौकीनों को भी यह शहर खूब आकर्षित करने लगा है.
रंग-बिरंगे परिधान में सजे लोग और उनकी मनमोहक लोक-नृत्य व संगीत इस शहर की समां में चार-चांद लगा देते हैं. यह राजस्थान के बीचोबीच स्थित है, इसलिए इसे राजस्थान का दिल भी कहा जाता है. राठौड़ वंश के प्रमुख राव जोधा ने इस शहर की स्थापना वर्ष 1459 में की थी. उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम जोधपुर है. यह शहर सन सिटी और ब्लू सिटी के नाम से भी मशहूर है. इसे सन सिटी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां की धूप काफी चमकीली होती है. वहीं, मेहरानगढ़ किले के आसपास नीले रंग से पेंट घरों के कारण इसे ब्लू सिटी के नाम से भी जाना जाता है.