‘क्वीन’ फिल्म तो आपने देखी होगी. अगर नहीं देखी तो जरूर देखिए. रानी (कंगना रनौत) की शादी टूट जाती है. इससे दुखी होकर रानी अकेले ही अपने हनीमून पर निकल पड़ती है. रानी अकेले ही विदेश में सब मैनेज करती है. वह सब करती है जिसे करने से उसे रोका गया, दोस्त बनाती है. जिन्दगी को खुलकर जीती है. माना की आप संबंधों में बंधी हैं, जो जरूरी भी है. पर जिन्दगी तो एक ही है(7 जन्मों का क्या भरोसा?), इसलिए बस एक बार, अकेले, आजाद होकर निकल पड़िए खुद की खोज में.
सोलो ट्रेवल करने से आपको जिन्दगी, इंसानों और अलग अलग कल्चर के बारे में जानने का मौका मिलता है. अकेले ट्रेवल करना सारे बंधनों से मुक्त होने जैसा है. सारे हदों से परे हो जाना है. किसी पर निर्भरता नहीं, किसी की चिंता नहीं, आपके पास अगर कोई है तो वो आप खुद हैं. अगर आपको लगता है कि आप इन सब के लिए तैयार हैं तो निकल पड़िए अकेले सफर पर. आइए जानते हैं की अकेले सफर करना क्यों जरूरी है-
1. डीसिजन मेंकिंग
जब आप अकेली होती हैं, तब छोटे से छोटे डीसिजन भी आपको खुद ही लेना पड़ता है. कहां सेल्फी के लिए रुकना है, कहां खाना खाना है और भी बहुत कुछ. आपको हिचक महसूस होगी और आप से गलतियां भी होंगी पर ऐसे ही तो हम नई चीजें सीखते हैं, है ना?
2. खुद के इम्तहान
सोलो ट्रिप पर आप अपनी हर इच्छा पूरी कर सकती हैं. आपको किसी भी चीज को करने से पहले हिचकिचाहट महसूस होगी. जैसे- ट्रेकिंग, स्कींग, डाइविंग. ज्यादा सोचने से बेहतर है उसे कर के देखना.
3. सुनें सिर्फ खुद की
आपके आसपास हमेशा भीड़ लगी रहती है. इतने शोर में आप अपनी आवाज ही नहीं सुन पाती. पर जब आप अकेली होती हैं तब आप अपने अंदर की आवाज को भी सुन सकती हैं.
4. खुद पर निर्भरता
आपकी सहायता के लिए कोई नहीं होगा. इसका ख्याल आपको विचलित भी कर सकता है. पर इंसान में सब कुछ करने की क्षमता होती है. आपको अपना ट्रिप खुद प्लान करना होगा. सबसे बुरी और अच्छी बात यह है कि अपने हर डीसीजन की जिम्मेदार आप खुद होंगी.
5. खुद की खोज
सोलो ट्रेवलिंग से आप खुद को ढूंढ सकती हैं. अकेले सफर में आप खुद के बारे में बहुत कुछ पता कर सकती हैं. जैसे कि क्या आप ट्रेकिंग कर सकती हैं या फिर क्या आप स्काई डाइविंग कर सकती हैं?
6. खुद से करें बातें
इस बात का जवाब तो आपको मिल ही जाएगा, क्योंकि कई दिनों तक आप अकेली होंगी. खुद से बातें करने का भी अपना एक अलग ही मजा है.
7. अजनबियों से दोस्ती
जिनसे आप कभी मिले नहीं और जिनसे शायद फिर कभी मिलना न हो, ऐसे लोगों से बातें करने का अलग ही अनुभव होता है. कई बार दोस्तों से ज्यादा अजनबी ही आपको समझ पाते हैं.
8. बनें थोड़ा मतलबी
सोलो ट्रेवल का मतलब आप अपनी मनमानी कर सकती हैं. जो जी में आए वो करिए, क्योंकि क्या पता कल हो न हो!
तो इंतजार किस बात का है, जैसे ही मौका मिले निकल पड़िए सोलो ट्रिप पर.