दरभंगा एक अद्भुत पर्यटन स्थल है, यह बिहार राज्य में स्थित है. मिथिलांचल के हृदय में स्थित यह शहर उत्तरी बिहार के मानचित्र पर महत्वपूर्ण शहरों में से एक है. दरभंगा, नेपाल से 50 किमी की दूरी पर स्थित है जो इसे अनेक पर्यटन सुखों और उपयोगिताओं की जगह बनाता है.

इस शहर का नाम ‘दरभंगा’ दो शब्दों “द्वार-बंगा” को जोड़ कर बनाया गया है, “द्वार” का मतलब है दरवाजा और “बंगा” का मतलब है बंगाल, जो “बंगाल के प्रवेश द्वार” का प्रतीक है. प्राचीनकाल में यह दरभंगा शहर, मिथिला का प्राचीन शहर हुआ करता था. उत्तर भारतीय क्षेत्र का एक सांस्कृतिक केंद्र जो गंगा नदी और हिमालय की निचली सीमाओं के बीच पूरी गरिमा के साथ स्थित था.

दरभंगा को बिहार की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है. यह शहर सदियों से समृद्ध संगीत कला के क्षेत्र में, लोक कला और परंपरा के रूप में, उत्कृष्टता रखता है. दरभंगा यात्रा पर्यटन गाइड वास्तुकला के चमत्कार और धार्मिक स्थलों पर प्रकाश डालता है, यह इसकी सीमाओं के बारे में भी बताता है. यह जिला लोक कला शैली की समृद्ध परंपरा, मिथिला पेंटिंग के लिए जाना जाता है.

मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक लोक नाट्य शैलियां भी इस जिले में बहुत लोकप्रिय है. इनमें सबसे प्रमुख हैं, नटुआ नौटंकी, नटुआ नाच और सामा चकेवा, मधुश्रावनी. जिले के विभिन्न भागों में बहुत से मेले आयोजित किये जाते हैं, कार्तिक पूर्णिमा मेला, दशहरा मेला, जन्माष्टमी मेला और दीवाली मेला.

यद्यपि, हिमालय से निकलने वाली अनेक नदियां इस जिले में पानी की आपूर्ति करती हैं पर यहां चार बड़ी नदियों वाला जल तंत्र है. दरभंगा फलो के राजा ‘आम’ के लिए भी प्रसिद्द है.

दरभंगा और उसके आस-पास के पर्यटन स्थल

दरभंगा किला, श्यामा काली मंदिर, मखदूम बाबा की मजार, होली रोसरी चर्च, चंद्रधारी संग्रहालय और हरही तालाब, दरभंगा पर्यटन के मुख्य आकर्षण हैं. दरभंगा पर्यटन एक सशक्त पर्यटन स्थल के रूप में सामने आता है क्योंकि यह शहर लोक कला के एक रूप, मिथिला पेंटिंग की अपनी समृद्ध परंपरा के लिए जाना जाता है. मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक लोक नाटक शैलियों भी इस जिले में बहुत लोकप्रिय हैं.

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