अगर हम घूमने के लिहाज से बात करें तो हमें शहरों की गलियां उनमें चलने वाली बड़ी बड़ी गाड़ियों का ख्याल आता है, मगर क्या आपको पता है कुछ ऐसे शहर भी हैं जहां कि गलियों तथा एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिये हमें टैक्सी की नहीं नावों की जरुरत होती है. आज हम आपको कुछ ऐसे ही रोचक शहरों के बारें में बताने जा रहे हैं जहां आपको पहली बार शहर को घूमने के लिये कैब या टैक्सी की नहीं, बल्कि नाव की जरुरत होगी, तो चलिये ले चले हम आपको इन शहरो की सैर पर.
एनीसी शहर
ऐनेसी दक्षिण-पूर्वी फ्रांस में एक अल्पाइन शहर है, जो अनानी थिउ नदी के किनारे एक झील पर बसा है. यह शहर अपनी पुरानी शैली के घरों के लिए जाना जाता है. यहां की पुरानी तरीके की घिसी हुई सी सड़कें, घुमावदार नहरें और पेस्टल रंगों वाले घर इसे एक अलग ही रूमानी झलक देते हैं. शहर की मध्ययुगीन शैटौ डी एनैसी किसी समय में जिनेवा की काउंटेस का घर होती थी. इसमें एक संग्रहालय भी था जिसमें क्षेत्रीय कलाकृतियों के साथ अल्पाइन फर्नीचर और धार्मिक कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं.
यूट्रेक्ट
यूट्रेक्ट सेंट्रल नीदरलैंड का एक शहर है जो सदियों से एक धार्मिक केंद्र रहा है. इस मध्यकालीन आर्टीट्रेक्चर वाले शहर में नहरों का जाल है ईसाई स्मारक हैं और एक सम्मानित विश्वविद्यालय है. इसके साथ ही यहां मौजूद है 14 वीं शताब्दी बैल टौवर जो सेंट्रल डौमप्लेन स्क्वौयर पर सेंट मार्टिन के गौथिक कैथेड्रल के सामने खड़ा है. यहां का कैथरीजेंकोनवेंट संग्रहालय प्राचीन मठों में धार्मिक कला और कलाकृतियों की झलक दिखाता है.
ब्रुगेस
ब्रुगेस, पश्चिमोत्तर बेल्जियम में पश्चिम फ्लैंडर्स की राजधानी, इसकी नहर, कौबल्ड सड़कों और मध्यकालीन इमारतों द्वारा प्रतिष्ठित है. इसका बंदरगाह, ज़ीब्रिगे, मछली पकड़ने और यूरोपीय व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है. शहर के केंद्र के बर्ग स्क्वायर में, 14 वीं सदी के स्टैडियुस (सिटी हौल) में एक अलंकृत नक्काशीदार छत है.
हैम्बर्ग
हैमबर्ग जर्मनी का एक प्रमुख नगर एवं बन्दरगाह है. एक समय यह जर्मनी की राजधानी थी. हैमबर्ग नगर समुद्र से 120 किमी अंदर एल्वे नदी की उत्तरी शाखा पर बर्लिन से 285 किमी उत्तर पश्चिम में सपाट भूमि पर स्थित है. इस शहरों में नहरों का जाल बिछा हुआ है. इसके बीच से ऐल्सटर नदी भी बहती है जो इसे दो भागों में विभक्त करती है. छोटे भाग को बिनेन एल्सटर कहते हैं.
सेंट पीटर्सबर्ग
सेंट पीटर्सबर्ग की स्थापना नेवा नदी के तट पर वर्ष 1703 में हुई थी, जब रूस ने स्वीडन के साथ युद्ध में यह जमीन जीत ली थी. इसके 9 साल बाद रूसी साम्राज्य के ज़ार, पीटर महान ने इसे राजधानी बना दिया था और 1918 तक यह रूसी राजनीतिक सत्ता का केंद्र रहा. उसके बाद कम्युनिस्ट शासकों ने मौस्को को राजधानी बना दिया. 1924 में सेंट पीटर्सबर्ग का नाम लेनिनग्राद कर दिया गया था. 1991 में इसे इसका पुराना नाम लौटा दिया गया. इसी वर्ष सोवियत संघ का पतन हुआ था. इस खूबसूरत शहर में भी नहरों का का प्रयोग मुख्य मार्गों की तरह होता है.