भारत के प्रमुख नगरों में से एक हैदराबाद अपनी ऐतिहासिक इमारतों और बहुसांस्कृतिक सभ्यता के लिए प्रसिद्ध है. आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद तेलंगाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है. हिन्दू और मुसलमान के एकता और भाईचारे का प्रतीक यह शहर सूचना क्रांति के क्षेत्र में भी आगे है.
कुतुब शाही वंश के संस्थापक कुली कुतुब शाह ने 1591 ईसवी में मूसी नदी के किनारे हैदराबाद शहर बसाया था. 16वीं और 17वीं शताब्दी के दौरान कुतुब शाही सल्तनत का यहां शासन था. उसके बाद कुछ समय तक यहां मुगलों का भी शासन रहा. खूबसूरत इमारतों, निजामी शानो-शौकत और लजीज खाने के कारण मशहूर हैदराबाद भारत के मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी एक अलग अहमियत रखता है.
हैदराबाद और सिंकदराबाद दो जुड़वाँ शहरों के नाम से जाने जाते हैं. इन दोनों शहरों को विभाजित करने वाली झील हुसैन सागर झील है, जो अपनी नायाब खूबसूरती के कारण पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. स्वाद प्रेमियों के लिए तो हैदराबाद जन्नत के समान है. यहाँ की लजीज बिरयानी और पाया की खूशबू दूर-दूर से पर्यटकों को हैदराबाद खींच लाती है.
नई-पुरानी संस्कृति के संगम के रूप में उभरता हैदराबाद सदियों से निजामों का प्रिय शहर और मोतियों के केंद्र के रूप में जाना जाता रहा है. हैदराबाद इस शहर का यह नाम कैसे पड़ा इसके पीछे छिपी है एक प्रेम कहानी. शुरुआत में भाग्यनगर कहलाने वाले इस शहर का नाम बदल कर हैदराबाद इसलिए हुआ क्योंकि इब्राहिम कुतुबशाह के पुत्र मुहम्मद कुली का प्रेम मूसी नदी के पार छिछलम गांव की भागमती से हो गया. पिता ने पुत्र की इस प्रेमयात्रा को सरल बनाने के लिए नदी पर एक पुल बनाया. भागमती के साथ मुहम्मद कुली का निकाह होते ही भागमती का नाम हैदर महल रखा गया और भाग्यनगर का नाम बदल कर हैदराबाद कर दिया गया.