आपके भी मन में कभी ना कभी तो ये सवाल आता ही होगा की आखिर जेल कैसी होती होगी. अगर आप अब तक जेल नहीं गईं हैं तो ये सवाल आना लाजमी है. क्योकि हर कोई ये सोचता होगा की आखिर ऐसा क्या होता है जो जेल में जो वहां जाने के बाद लोग सुधर जाते है. ऐसा क्या काम करवाते है जेल में. अक्सर हम फिल्मों में यें सुनते है कि जेल की हवा खानी है क्या, तो आज हम आपको बता दे आप भी जेल की हवा खा सकती हैं, अरे डरिये नहीं ये जेल की सजा कोई जुर्म करने के लिये नही बल्कि आप पर्यटक हैं इसिलिए आपको जेल की हवा खाने को मिल सकती है.
नहीं समझे चलिये बताते हैं. अगर आप जेल के अंदर की दुनिया को देखना चाहती हैं तो आप परेशान ना हों, कोई भी पर्यटक चाहे तो जेल की सैर कर सकता है. तो आज हम आपको कुछ ऐसी ही जेलों के बारे में बताएंगे जहां जाकर आप जेल की हवा खा सकती है.
सेल्युलर जेल
यह जेल अंडमान निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में बनी हुई है. यह अंग्रेजों द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को कैद रखने के लिए बनाई गई थी, जो कि भारत से हजारों किलोमीटर दूर स्थित थी और यह सागर से हजार किलोमीटर के दुर्गम मार्ग पर पड़ती थी. यह काला पानी के नाम से कुख्यात थी. यह जेल द्वितीय विश्व युद्ध की गवाह है. जब जापानियों ने हमला किया था उस दौरान ये जेल ब्रिटिश कैदियों का घर बन गई थी. अगर आप को ये जेल घूमनी है तो यहां आप कभी भी आ सकते हैं. सुबह 9 से शाम 5 बजे तक आप यहां घूम सकते हैं. यहां लाइट और साउंड शो भी होता है.
तिहाड़ जेल
तिहाड़ जेल देश की राजधानी दिल्ली में स्थित है. यह साउथ ऐशिया की सबसे बड़ी जेल है. 1957 में इस जेल को पंजाब ने तैयार किया था. ये भारत की सबसे मशहूर जेल हैं. इस जेल में नेता से लेकर अंडरवर्ल्ड डौन भी रह चुके हैं. ये जेल कैदियों के सुधार और उनको उच्च शिक्षा दिए जाने कि लिए भी प्रसिद्ध है. यहां आप जेल कैंटीन के साथ जेल के कुछ इलाके घूम सकते हैं.
हिजली जेल
हिजली जेल वेस्ट बंगाल में स्थित है. इस जेल को हिजली डेस्टिनेशन कैंप के तौर पर 1930 में तैयार किया गया था. भारत की स्वतंत्रता यात्रा में हिजली जेल का बहुत बड़ा योगदान है. 1931 में हिजली फायरिंग कांड बहुत प्रसिद्ध है. इस कांड में पुलिस ने निहत्थे कैदियों पर गोलियों की बारिश कर दी थी. जिसमें कईयों की जान चली गई थी. 1951 में स्वतंत्रता के बाद यहीं पर देश की पहली आईआईटी की नीव पड़ी. इस समय यह आईआईटी खड़गपुर के कैंपस में स्थित है. फौर्मर डेस्टिनेशन कैंप अब नेहरू म्यूजियम में तब्दील हो चुका है. आईआईटी खड़गपुर आने वाले टूरिस्ट यहां घूम सकते हैं.
वाइपर आइसलैंड की जेल
गैलोस औफ वाइपर आइसलैंड पोर्ट ब्लेयर की सेल्युलर जेल की तरह ही फेमस है. भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में इस जेल का बहुत बड़ा योगदान हैं. इस जेल को सेल्युलर जेल के बहुत पहले बनाया गया था. अगर कोई भारतीय ब्रिटिश शासन के खिलाफ बोलता था तो उसे इसी जेल में लाकर शारीरिक प्रताड़ना दी जाती थी. अब ये जगह टूरिस्ट प्लेस बन गई है. यहां लोग जेल दर्शन करने के लिए आते हैं.
यरवड़ा जेल
महाराष्ट्र में बनी यरवड़ा जेल भारत की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक है. ये महाराष्ट्र की सबसे बड़ी जेल है. इस जेल को अंग्रेजों ने 1871 में बनवाया था. यरवड़ा जेल इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 30 से 40 के दशक में महात्मा गांधी को अंग्रेजों ने इसी जेल में डाला था. यहां एक टेक्स्टाइल मिल और एक रेडियो स्टेशन भी है. यहां कैदी जेल की चारदीवारी के बीच में सब्जी और फल भी उगाते हैं. इस जेल को आप बाहर से देख सकते हैं.
मद्रास सेंट्रल जेल
चेन्नई में बनी मद्रास सेंट्रल जेल भारत की सबसे पुरानी जेलों में से एक है. इस जेल को 2009 में ध्वस्त कर दिया गया. ऐसा माना जाता है ये जेल उन कैदियों का घर थी जो काला पानी की सजा काट कर आते थे. स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस और वीर सावरकर भी इस जेल में रहे हैं. अब इस जेल की जगह पर मद्रास मेडिकल कौलेज की नई बिल्डिंग खड़ी हो रही है.