भारत में बहुत से ऐसे पहाड़ हैं जिनकी ट्रैकिंग मुश्किल ही नहीं बल्कि खतरनाक भी है. लेकिन फिर भी यहां तक पहुंचने वाले पर्वतारोहियों की कमी नहीं. तो अगर आप भी माउंटेयनरिंग का हिस्सा बनना चाहती हैं तो खुद इसके लिए तैयार भी करें तभी आप इस एडवेंचर को सही मायनों में एन्जौय कर सकती हैंं. तो आइए आज आपको बताते हैं, आप कैसे माउंटेनियरिंग को ज्यादा से ज्यादा एन्जौय कर सकती हैं.
तैयारी और प्लानिंग
पहाड़ों पर सफलतापूर्वक चढ़ने के साथ ही और हर एक पल को तभी एन्जौय कर पाएंगी जब आप पूरी प्लानिंग के साथ जाएंगी. फिर चाहे वो शार्ट क्लाइम्बिंग हो या फिर दो महीने की. तैयारी से मतलब है फिजिकली, मेंटली खुद को फिट रखना और प्लानिंग का मतलब है माउंटेनियरिंग कोर्स के बारे में लगातार पता करते रहना जिससे आप सही समय पर कोर्स को ज्वाइन कर सकें.
मौसम की हों सही जानकारी
माउंटेनियरिंग पर निकलने से पहले स्थानीय लोगों से वहां का हाल जान लें. पहाड़ों का मौसम मिनटों में बदलता रहता है. जो कई बार खतरनाक भी साबित हो सकता है. इसके साथ ही ट्रेनिंग के दौरान खतरनाक मौसम में कैसे खुद को बचाना है इसे अच्छे से जान लें और समझ लें.
एक्सरसाइज के लिए सही फुटवेयर्स
माउंटेनियरिंग का कोर्स में बेशक एडवेंचर और फन होता है लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं कि आप जरूरी चीज़ों को इग्नोर करें. इसमें से एक है आपके फुटवेयर्स. जी हां, पहाड़ों पर चढ़ने के लिए फैशनेबल नहीं बल्कि मजबूत और कम्फर्टेबल फुटवेयर्स लेने चाहिए.
खाना-पीना
माउंटेनियरिंग के लिए अपने पास ऐसे फूड्स रखना बहुत जरूरी है जो रेडी टू इट हों. पकाने और बनाने की कोई टेंशन न हो जब भी भूख लेंगे आराम से खा सकें. न्यूट्रिशन और एनर्जी से भरपूर होने के साथ ही ये लाइटवेटेड भी हों क्योंकि पहाड़ों पर चढ़ाई के दौरान आपको अपना बैग खुद ही कैरी करना पड़ता है. बेस्ट होगा आप ऐसे सफर पर अपने साथ एनर्जी बार्स और पैक्ड फूड्स कैरी करें.
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