मुंबई हवाई अड्डे से केन्या की राजधानी नैरोबी की यात्रा में केवल 7 घंटे लगते हैं. नैरोबी एक सुंदर शहर ही नहीं है, बल्कि इस की कुछ अपनी विशेषताएं भी हैं, जो इसे अन्य नगरों से अलग करती हैं. अफ्रीकी शहरों के बारे में आम धारणा के विपरीत नैरोबी गरम नहीं है. समुद्रतल से लगभग 1,500 मीटर ऊपर स्थित होने के कारण यहां साल भर शिमला या मसूरी जैसा मौसम बना रहता है. यहां तक कि लोगों के घरों में पंखे तक नहीं हैं.

नैरोबी की दूसरी विशेषता यह है कि यहां पर केवल 4 पहिए के वाहन ही दिखते हैं, जो शानदार विदेशी कार के रूप में हैं. उन वाहनों को चलाने वाले या तो अफ्रीकी टैक्सी ड्राइवर होते हैं या फिर भारतीय मूल के नागरिक, जो उन विशाल कारों के स्वयं मालिक भी होते हैं. अपने एक सप्ताह के प्रवास में मुझे एक भी स्कूटर वहां नहीं दिखा.

भारतीय नागरिकों का जहां तक प्रश्न है, तो वहां लगभग हर दूसरी तीसरी दुकान भारतीय या पाकिस्तानी द्वारा संचालित होती है. हिंदी तथा गुजराती तो वहां गली-गली में सुनाई पड़ती है और भारतीय साड़ी, लहंगा आदि वहां एक आम पहनावा है.

वैसे नैरोबी के बारे में थोड़ी बहुत सावधानी बरतने की भी सलाह दी जाती है. इस स्थान पर चोरी, छीनाझपटी, धोखाधड़ी तथा लूट-पाट आदि की अनेक घटनाएं होती रहती हैं. अत: पर्यटकों को अकेले कहीं अनजाने स्थान पर आनेजाने से बचना चाहिए.

नैरोबी की सब से बड़ी विशेषता वहां का राष्ट्रीय पार्क है, जो लगभग नगर के दक्षिण में केवल 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. वास्तव में जब नैरोबी एअरपोर्ट पर विमान उतरता है तो यदि यात्री खिड़की से बाहर देखें तो हो सकता कि उन्हें कोई जिराफ सर उठाए भागता दिख जाए.

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