एक महल में आप ऐतिहासिक काल के राजसी, शाही और समृद्ध जीवन शैली की झलक साफ देख सकते हैं. भारत में कई ऐसे महल और कोठियां हैं जिनका निर्माण कई वंशों के राज में कराया गया. गुजरात का नौलखा महल भी उन्हीं शाही महलों में से एक है, जो गुजरात में पर्यटकों के मुख्य आकर्षणों में से एक है.

नौलखा महल का मतलब है 'नौ लाख'. महल का यह नाम इस महल के निर्माण में होने वाले खर्च के ऊपर रखा गया. यह गुजरात के सबसे पुराने महलों में से एक है. गोंडाली नदी के तट पर बसा यह महल अपने खूबसूरत और आश्चर्यजनक वास्तुकला और बारीक नक्काशी के लिए जाना जाता है. राजकोट जिले के गोंडल में स्थित यह महल आपको इतिहास के 18 वीं सदी में दोबारा से ले जाता है. गोंडल, जडेजा राजपूत वंश की राजधानी हुआ करती थी. ऐसा माना जाता है कि नौलखा महल गोंडल क्षेत्र का सबसे पुराना महल है.

गोंडल कैसे पहुंचें?

महल का निर्माण 1748 ईसवीं में दरबारगढ़(पुराना किला) किले के परिसर में किया गया. इस महल के साथ ही कई अन्य रचनाओं का निर्माण भी इसी परिसर में उस समय के दौरान ही किया गया.

महल की वास्तुकला और विशेषताएं

18वीं सदी के इतिहास में ले चलती यह प्रभावशाली रचना नदी के 30 मीटर ऊपर स्थापित है. पत्थरों पर की गई नक्काशियां, बालकनी के रूप में महल के झरोखे पूरे महल को एक अलग आकर्षक रूप देते हैं. बीते युग की खास और आकर्षक चमक, विलास से सुसज्जित अंदरूनी खूबसूरती, घूमावदार सीढ़ियां, प्रभावशाली छज्जे और आंगन महल के समृद्ध आभा को बखूबी दर्शाते हैं.

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