आजादी की लड़ाई के समय सैंकड़ों देशभक्त जेल गए थे. कुछ को तो अंग्रेजों ने छोड़ दिया था और उन्होंने देश का इतिहास लिखा, पर कुछ ने हंसते हंसते मौत को गले लगा लिया था. अब आपके पास एक सुनहरा मौका उन मस्तानों को थोड़ा और करीब से जानने का. जेल टूरिज्म विदेशों में बहुत प्रचलित पर भारत में यह अभी चलन में नहीं आया है. साउथ अफ्रीका के रोबेन आइलैंड को देखने के लिए कई सैलानी आते हैं. यहां नेलसन मेंडेला को बंदी बनाकर रखा गया था. भारत के अंडमान के सेलुलर जेल को देखने के लिए हर साल कई सैलानी आते हैं.
पर महाराष्ट्र सरकार सैलानियों के लिए अपने जेलों के दरवाजें खोलने जा रही है. महाराष्ट्र में कई ऐतिहासिक जेल हैं जहां शोध और घूमने के लिए कई सैलानी आते हैं. जितने भी ऐतिहासिक महत्तवता के जेल हैं उन्हें हफ्ते में कुछ दिनों के लिए सीमित समय के लिए खोला जाएगा.
महाराष्ट्र के यरवदा जेल में ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, बाल गंगाधर तिलक, वीर सावरकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को आजादी की लड़ाई के समय रखा गया था. जरा सोचिए इस जेल की दीवारों के सहारे बैठकर ही उन्होंने अपनों को खत लिखे थे. हाल ही में मशहूर बौलीवुड अभिनेता संजय दत्त को भी यहीं रखा गया था. जेल के रिकार्ड से आप स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारियां हासिल कर सकती हैं.
इन सब के अलावा आप जेल की बनावट और संरचना को भी देख सकती हैं. इतिहास और स्थापत्यकला में रूची रखने वालों के लिए तो यह बेस्ट प्लेस होगा.